लाल किला विस्फोट : फर्जी मान्यता दिखाने पर अल-फलाह विश्वविद्यालय को नैक का कारण बताओ नोटिस

नई दिल्ली, 13 नवंबर – राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने अल-फलाह विश्वविद्यालय को अपनी वेबसाइट पर झूठा मान्यता प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि यह विश्वविद्यालय फिलहाल दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए विस्फोट के मामले में जांच एजेंसियों के रडार पर है।

नैक, जो उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन और प्रमाणन करने वाला एक स्वायत्त सरकारी निकाय है, ने कहा कि उसने पाया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि उसके तीन कॉलेज — अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (1997 से नैक ग्रेड ए), ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2008 से) और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (2006 से नैक ग्रेड ए) — मान्यता प्राप्त हैं।

नैक ने कहा कि यह दावा “पूरी तरह गलत और जनता, विशेषकर छात्रों व अभिभावकों को गुमराह करने वाला है।” परिषद ने विश्वविद्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है और निर्देश दिया है कि वह अपनी वेबसाइट एवं अन्य सार्वजनिक दस्तावेजों से ऐसे सभी झूठे दावे तुरंत हटाए।

नोटिस के अनुसार, अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की मान्यता 2018 में समाप्त हो गई थी, जबकि अल फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की मान्यता 2016 में समाप्त हो चुकी है। दोनों संस्थानों ने अब तक नैक की नई मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए आवेदन नहीं किया है।

अल-फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट के मुताबिक, यह संस्थान हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत हरियाणा विधानसभा द्वारा स्थापित किया गया था। वेबसाइट में दावा किया गया है कि इसकी शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी और 2013 में इसे नैक की ‘ए’ ग्रेड मान्यता मिली थी। वर्ष 2014 में हरियाणा सरकार ने इसे विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया। विश्वविद्यालय से संबद्ध अल-फलाह मेडिकल कॉलेज भी इसी परिसर में संचालित होता है।

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अपने शुरुआती वर्षों में अल-फलाह विश्वविद्यालय ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के “विकल्प” के रूप में खुद को प्रस्तुत किया था।

गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास एक कार में हुए उच्च-तीव्रता वाले विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस ने एक “सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल” का भंडाफोड़ किया था। गिरफ्तार लोगों में अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सक भी शामिल हैं, जिसके बाद एजेंसियां इस विश्वविद्यालय की गतिविधियों और संबद्ध संस्थानों की भूमिका की गहन जांच कर रही हैं।

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