नई दिल्ली, देश की राजधानी सोमवार शाम जोरदार धमाके से दहल उठी, जब लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सुभाष मार्ग पर ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी एक आई-20 कार में भीषण विस्फोट हुआ। यह धमाका इतना शक्तिशाली था कि उसकी आवाज ढाई किलोमीटर दूर आईटीओ तक सुनाई दी। धमाके में कम से कम 10 लोगों की मौत और 24 से अधिक घायल हो गए। मौके पर मौजूद कई गाड़ियाँ, ई-रिक्शा और एक ऑटोरिक्शा आग की चपेट में आ गए।

दमकल की दस गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। चांदनी चौक ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा साझा एक वीडियो में धमाके की भयावहता दिखती है — लोगों के शव बिखरे पड़े हैं, और दूर तक खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय भार्गव ने बताया, “800 मीटर दूर हमारी पूरी इमारत हिल गई थी।”
कार कई बार बिकी, पुलवामा तक पहुंचा सुराग
पुलिस जांच में सामने आया कि जिस कार (एचआर-26-सीई-7674) से धमाका हुआ, वह कई बार खरीदी-बेची गई थी। इसका रजिस्ट्रेशन गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम पर था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि कार ओखला निवासी देवेंद्र को बेची थी। देवेंद्र ने यह गाड़ी अंबाला में किसी तीसरे व्यक्ति को बेच दी। वहाँ से कार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी तारिक के पास पहुंच गई।
जांच एजेंसियों ने इस तथ्य को बेहद गंभीरता से लिया है, क्योंकि 2019 के पुलवामा हमले में भी आतंकियों ने विस्फोटक से लदी कार का ही इस्तेमाल किया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कार दिल्ली में घटना से तीन घंटे पहले तक एक पार्किंग में खड़ी थी। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि विस्फोट सुनियोजित था।

आतंकी साजिश के संकेत, अत्याधुनिक तकनीक की आशंका
फॉरेंसिक टीमों ने घटनास्थल से धातु के टुकड़े, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और जले हुए पदार्थ के नमूने एकत्र किए हैं। प्रारंभिक विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि यह कोई साधारण बम नहीं था। विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें उच्च प्रदर्शन वाले विस्फोटक मिश्रण और सटीक ट्रिगर सिस्टम का इस्तेमाल हुआ हो सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अगर यह साबित होता है कि रिमोट ट्रिगर या सेंसर आधारित प्रणाली का इस्तेमाल हुआ, तो यह आतंकवादी तकनीक के नए चरण की ओर इशारा होगा।” हालांकि, कुछ अधिकारियों का कहना है कि अब तक किसी भी शव में धातु के छर्रे नहीं मिले हैं, जिससे बम के प्रकार को लेकर असमंजस बना हुआ है।
दिल्ली समेत कई राज्यों में हाई अलर्ट
धमाके के तुरंत बाद दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मुंबई और उत्तराखंड में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। रेलवे स्टेशनों, मेट्रो, हवाई अड्डों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राम मंदिर (अयोध्या) और आरएसएस मुख्यालय (नागपुर) की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है।
सरकार और एजेंसियों की सक्रियता
गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात घटनास्थल का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। शाह ने कहा, “शीर्ष एजेंसियाँ— एनआईए, एनएसजी, एफएसएल और दिल्ली पुलिस— पूरी गहनता से जांच कर रही हैं। किसी भी एंगल को खारिज नहीं किया गया है।” उन्होंने घायलों से एलएनजेपी अस्पताल में मुलाकात की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गृह मंत्री से पूरी जानकारी ली और ट्वीट कर कहा, “दिल्ली धमाका हृदयविदारक है। पीड़ितों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और जांच का अगला चरण
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस विस्फोट को “बेहद हृदयविदारक और चिंताजनक” बताया, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार को तत्काल और गहन जांच कर दोषियों को जवाबदेह ठहराना चाहिए।
वहीं, पुलिस सूत्रों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की जा रही है और कार की पूरी मूवमेंट को ट्रैक किया जा रहा है। एनआईए और खुफिया एजेंसियाँ यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट या अन्य उच्च क्षमता वाले विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहे – https://readnownews.in/
