लखनऊ। रविवार को हजरतगंज के मोती लॉन में करीब आधा दर्जन पशु-प्रेमी संस्थाओं और छात्रों ने स्ट्रीट डॉग्स के लिए आवाज उठाई। इस दौरान लगभग 500 लोगों ने मानव शृंखला बनाई और स्लोगन तथा तख्तियां लेकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने तख्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का विरोध करते हुए नारे लगाए, जैसे—“सुप्रीम कोर्ट ऑर्डर रद्द करो”, “डॉग्स के साथ अन्याय करने वालों को पनिश करो” और “आवारा नहीं, हमारा है”। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट आवारा कुत्तों को बाइट्स के कारण शेल्टर भेजना चाहती है, तो सड़कें भी बंद कर दी जाएं क्योंकि एक्सीडेंट होते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को आदेश दिया था कि आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखा जाए। स्कूल और अस्पतालों में बाड़ लगाई जाए, ताकि कुत्ते वहां न पहुंच सकें। यदि कुत्ते वहां पहुंचते हैं तो उन्हें पकड़ कर शेल्टर होम में रखा जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि बार-बार डॉग बाइट की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता को दर्शाती हैं।
प्रदर्शनकारियों ने तत्काल प्रभाव से इस आदेश पर रोक लगाने और शहर में स्ट्रीट डॉग्स के साथ क्रूरता रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि लोगों और कुत्तों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है और Humane तरीके अपनाए जाने चाहिए।

इस मानव शृंखला ने लखनऊवासियों और प्रशासन को संदेश दिया कि स्ट्रीट डॉग्स के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
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