कीव, 31 अक्टूबर : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को खुलासा किया कि रूस ने डोनेत्स्क क्षेत्र में लगभग 1,70,000 सैनिकों की तैनाती की है। यह क्षेत्र युद्ध का सबसे सक्रिय मोर्चा बन गया है, जहां रूसी सेनाएं पोक्रोवस्क शहर पर कब्जा करने के लिए बड़े पैमाने पर आक्रामक अभियान चला रही हैं।
जेलेंस्की ने कहा, “पोक्रोवस्क में स्थिति बेहद कठिन है।” हालांकि उन्होंने रूस के इस दावे को सिरे से खारिज किया कि शहर की पूरी तरह घेराबंदी हो चुकी है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ रूसी टुकड़ियां शहर के अंदर तक घुस आई हैं, लेकिन दावा किया कि यूक्रेनी रक्षक उन्हें पीछे धकेल रहे हैं।
राष्ट्रपति ने प्रेस वार्ता में कहा, “पोक्रोवस्क में रूसी मौजूद हैं, लेकिन हमारी सेना लड़ाई जारी रखे हुए है।”
करीब चार साल से जारी इस युद्ध में यूक्रेन कई इलाकों से अपनी सेना को रणनीतिक रूप से पीछे हटाने को मजबूर हुआ है ताकि बड़े पैमाने पर जनहानि से बचा जा सके। डोनेत्स्क अब संघर्ष का केंद्र बन गया है, जहां संख्या और संसाधनों के लिहाज से रूस को भारी बढ़त हासिल है।
इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि उनकी सेनाएं “युद्ध के मैदान में लगातार प्रगति कर रही हैं”, हालांकि पश्चिमी विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रगति बेहद धीमी और महंगी साबित हो रही है — सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों दोनों के बड़े नुकसान के साथ।
विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन अमेरिका और पश्चिमी देशों पर यह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे यूक्रेन को समझौते की मेज पर लाने के लिए बाध्य करें, क्योंकि यूक्रेनी सेना अब “रूसी सैन्य श्रेष्ठता” का सामना नहीं कर पा रही।
हालांकि यूक्रेन ने भी पलटवार जारी रखा है। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) के प्रमुख वासिल मालियुक ने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत से ही यूक्रेन ने रूस की तेल रिफाइनरियों और उत्पादन केंद्रों पर 160 से अधिक लंबी दूरी के सफल हमले किए हैं, जिससे रूस की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को बड़ा नुकसान हुआ है।
शुक्रवार को जारी एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि रूसी ड्रोन हमलों ने उत्तर-पूर्वी शहर सुमी में अपार्टमेंट समूहों को निशाना बनाया, जिसमें चार बच्चों सहित 11 लोग घायल हो गए। वहीं, दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र में ऊर्जा ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता समन्वयक मथायस श्माले के अनुसार, 2025 का यह वर्ष यूक्रेनी नागरिकों के लिए पिछले वर्ष की तुलना में अधिक घातक रहा है। अब तक नागरिक हताहतों की संख्या में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इस युद्ध की भीषणता को दर्शाता है।
