लखनऊ के पासी चौराहे पर वीरांगना ऊदा देवी पासी की प्रतिमा के अनावरण और स्वाभिमान समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय इतिहास में दलित, आदिवासी, महिलाओं तथा पिछड़े समुदायों के असंख्य वीरों के बलिदान को वह स्थान कभी नहीं दिया गया, जिसके वे वास्तविक हकदार थे।
“इतिहास में जानबूझकर उपेक्षा हुई”
राजनाथ सिंह ने वामपंथी इतिहासकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी विचारधारा के अनुसार इतिहास लिखा, जिसमें पासी समाज सहित अनेक वंचित समुदायों के नायकों की वीरता और योगदान को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह नायकों को पढ़ाए जाने और सम्मानित किए जाने की बजाय भुला दिए जाने जैसा था।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर भी आरोप लगाया कि दलित और पासी समाज के नायकों को वह मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था।
पासी समाज के नायकों का गौरवपूर्ण इतिहास
राजनाथ सिंह ने महाराजा सतन पासी, लाखन पासी, सुहेलदेव, रानी अवंती बाई और वीरांगना ऊदा देवी जैसे योद्धाओं के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके नाम “स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाने चाहिए थे”, लेकिन इतिहास में इन्हें पर्याप्त स्थान नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि पासी साम्राज्य को लेकर इतिहास में लगभग कोई शोध नहीं हुआ—“इतिहासकारों ने पासी साम्राज्य पर कोई किताब ही नहीं लिखी… यह दुख की बात है कि इतने वीर समुदाय पर इतनी कम जानकारी उपलब्ध है।”
उन्होंने मदारी पासी के किसान आंदोलन में योगदान का विशेष उल्लेख किया। मदारी पासी को किसानों का मसीहा बताते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेज उनके सिर पर इनाम रखकर भी उन्हें पकड़ नहीं सके।
“इतिहास को पुनः लिखने की आवश्यकता”
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह केवल इतिहास की विफलता नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की कमी है कि वंचित समुदायों का गौरवशाली इतिहास सामने नहीं आ पाया। उन्होंने विद्वानों से अपील की कि भूले-बिसरे नायकों का इतिहास पुनः सामने लाया जाए, ताकि समाज में सम्मान और एकता बढ़े।
योगी सरकार की सराहना
रक्षामंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पाठ्यक्रम में पासी समाज के इतिहास को शामिल करने और उनके विरासत स्थलों के संरक्षण का जो काम किया है, वह सराहनीय है। उन्होंने महाराजा सुहेलदेव के बहराइच में बने भव्य स्मारक और लखनऊ में बन रहे बिजली पासी स्मारक का उल्लेख किया।
उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2000 में उनकी सरकार ने महाराजा बिजली पासी के सम्मान में डाक टिकट जारी किया था।
“हर समुदाय को सम्मान मिले तभी राष्ट्र मजबूत होता है”
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि राष्ट्र की असली ताकत तभी सामने आती है जब हर वर्ग, खासकर दलित समाज के नायकों को वह सम्मान मिले जिसके वे हकदार हैं। उन्हें विश्वास है कि इन महानायकों के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने से सामाजिक एकता और परस्पर सम्मान बढ़ेगा।
यदि आप चाहें तो मैं इस खबर का संक्षेप, बिंदुवार सार, या संपादकीय विश्लेषण भी तैयार कर सकता हूँ।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहे : https://readnownews.in/
