यूपी पंचायत चुनाव : 1.81 करोड़ नए वोटर जुड़े, 1.41 करोड़ नाम कटे, मतदाता पुनरीक्षण के बाद जारी किए गए आंकड़े

लखनऊ। पंचायत चुनाव को लेकर चलाए गए विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान के बाद प्रदेश की मतदाता सूची में बड़ा बदलाव सामने आया है। पुनरीक्षण के दौरान 1,81,96,367 नए मतदाता जोड़े गए, जबकि 1,41,76,809 अयोग्य मतदाताओं के नाम काटे गए। इसके बाद पिछली मतदाता सूची की तुलना में नई सूची में कुल 40,19,558 मतदाताओं (3.269 फीसदी) की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त आरपी सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता में बताया कि पुनरीक्षण से पहले पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश में कुल मतदाता 12,29,50,052 थे, जो अब बढ़कर 12,69,69,610 हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरा काम ई-बीएलओ ऐप के माध्यम से किया गया है, जिससे मतदाता सूची अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनी है।

डुप्लीकेट मतदाताओं पर बड़ी कार्रवाई

काटे गए नामों में मृत, विस्थापित और डुप्लीकेट मतदाता शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक 53,67,410 डुप्लीकेट मतदाता पाए गए। निर्वाचन आयुक्त के अनुसार, फर्जी और दोहराए गए नाम हटाने से चुनाव प्रक्रिया ज्यादा निष्पक्ष होगी।

सबसे कम नाम कटने वाले जिलों में वाराणसी (682), कुशीनगर (14 हजार) और महोबा (20 हजार) शामिल हैं। वहीं मैनपुरी और गाजीपुर में करीब 72-72 हजार नाम हटाए गए।

1.05 करोड़ युवा पहली बार बने वोटर

पुनरीक्षण अभियान के दौरान युवाओं को प्राथमिकता दी गई। 18 से 23 वर्ष आयु वर्ग के 1.05 करोड़ युवा पहली बार मतदाता बने हैं। इनमें 18 वर्ष के 15.71 लाख नए वोटर शामिल हैं। तराई क्षेत्र के जिलों में मतदाताओं की संख्या में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

इन जिलों में एक लाख से ज्यादा वोटर बढ़े

पुनरीक्षण के बाद कई जिलों में मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है—

लखीमपुर खीरी – 1.80 लाख

गोंडा – 1.62 लाख

सिद्धार्थनगर – 1.61 लाख

बहराइच – 1.29 लाख

बलिया – 1.09 लाख

शाहजहांपुर – 1.07 लाख

जौनपुर – 1.04 लाख

अलीगढ़ – 1.00 लाख

आपत्ति दर्ज कराने का मिलेगा मौका

निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि 23 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित किया जाएगा। जिन मतदाताओं का नाम गलत तरीके से कट गया है या जिनको किसी तरह की आपत्ति है, उन्हें शिकायत दर्ज कराने का अवसर दिया जाएगा। तथ्यों की पुष्टि होने पर नाम दोबारा जोड़े जाएंगे। सभी आपत्तियों के निस्तारण के बाद 6 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।

हर मतदाता को मिलेगा यूनिक 9 अंकों का नंबर

आरपी सिंह ने बताया कि 2021 तक की मतदाता सूची में शामिल सभी योग्य मतदाताओं को 9 अंकों का स्टेट वोटर नंबर दिया गया है। यह नंबर पूरी तरह यूनिक होगा और मतदाता की स्थायी पहचान बनेगा। नाम कटने की स्थिति में भी यह नंबर फ्रीज रहेगा और किसी अन्य को नहीं दिया जाएगा। पुनरीक्षण-2025 की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद नए जोड़े गए मतदाताओं को भी यह नंबर जारी किया जाएगा।

निर्वाचन आयोग का कहना है कि इस नई व्यवस्था से मतदाता पहचान, पारदर्शिता और पंचायत चुनाव की विश्वसनीयता और मजबूत होगी।

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