उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को ग्राम प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा तय कर दी है। इसके साथ ही प्रदेश में मंगलवार से विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिसके तहत मतदाता सूची का गहन सत्यापन और अद्यतन किया जाएगा।
चुनाव आयोग द्वारा जारी नई सीमा के अनुसार, ग्राम प्रधान अधिकतम 1.25 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए यह सीमा 10 हजार रुपये, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 1 लाख रुपये, जिला पंचायत सदस्य के लिए 2.5 लाख रुपये, क्षेत्र पंचायत प्रमुख के लिए 3.5 लाख रुपये, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अधिकतम 7 लाख रुपये तय की गई है। आयोग ने इसके साथ ही नामांकन पत्र खरीदने और जमानत राशि की सीमा भी अलग-अलग वर्गों के अनुसार निर्धारित कर दी है।
दूसरी ओर, आज से शुरू हुई विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया 4 दिसंबर तक चलेगी। इस दौरान बूथ लेवल अधिकारी (BLO) राज्य के 15.44 करोड़ मतदाताओं के पते पर पहुंचकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे। बीएलओ मतदाताओं को दो प्रतियों में गणना फॉर्म देंगे, जिनमें से एक फॉर्म वे हस्ताक्षरित रूप में अपने पास रखेंगे। प्रत्येक बीएलओ को कम से कम तीन बार मतदाता के घर जाकर फॉर्म भरवाने और संग्रह करने का कार्य करना होगा।
मतदाता अपने विवरण — जैसे नाम, एपिक संख्या, विधानसभा क्षेत्र का नाम, क्रम संख्या आदि — की पुष्टि करेंगे। फॉर्म में पहले से मुद्रित फोटो के साथ वे नया पासपोर्ट साइज फोटो भी चस्पा कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान किसी दस्तावेज की मांग नहीं की जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार, ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर को जारी की जाएगी, जिस पर दावे और आपत्तियां 8 जनवरी 2026 तक ली जाएंगी। इसके बाद नोटिस और सुनवाई चरण 31 जनवरी तक चलेगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी शिकायतों की प्रथम अपील जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष और द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष की जा सकेगी। आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पुनरीक्षण कार्य को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ पूरा कराएं ताकि चुनाव से पहले मतदाता सूची में कोई विसंगति न रहे।
