नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर । राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयासों के तहत दिल्ली सरकार मंगलवार को कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) का पहला परीक्षण कर सकती है, बशर्ते मौसम की परिस्थितियां अनुकूल रहीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि मंगलवार को कृत्रिम वर्षा के परीक्षण की व्यवहार्यता पर चर्चा करने के लिए समीक्षा बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा, “क्लाउड सीडिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला विमान कल कानपुर से दिल्ली पहुंचेगा। अगर मौसम ने साथ दिया तो हम परीक्षण कर सकते हैं। हालांकि यह पूरी तरह मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा।”
यह परीक्षण दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसे सर्दियों के महीनों में प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि कृत्रिम वर्षा प्रयोग की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पिछले सप्ताह बुराड़ी इलाके के ऊपर एक प्रारंभिक परीक्षण किया गया था, जिसमें सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड के मिश्रण को विमान से बादलों में छोड़ा गया था। हालांकि, उस समय वायुमंडलीय नमी 20 प्रतिशत से भी कम थी, जबकि सफल वर्षा के लिए कम से कम 50 प्रतिशत नमी आवश्यक होती है, इसलिए बारिश नहीं हो सकी।
आईआईटी कानपुर इस परियोजना का नेतृत्व कर रहा है। संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछला परीक्षण मिशन क्लाउड सीडिंग के लिए विमान की तत्परता, उपकरणों की कार्यक्षमता और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की क्षमता जांचने के उद्देश्य से किया गया था।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बीते सप्ताह कहा था कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 28 से 30 अक्टूबर के बीच उपयुक्त बादल बनने की संभावना जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था, “अगर परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो दिल्ली में 29 अक्टूबर को पहली कृत्रिम बारिश हो सकती है।”
दिल्ली सरकार ने 25 सितंबर को आईआईटी कानपुर के साथ कृत्रिम वर्षा के पांच परीक्षण करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इन परीक्षणों की योजना उत्तर-पश्चिम दिल्ली के विभिन्न इलाकों में बनाई गई है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आईआईटी कानपुर को एक अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच किसी भी समय परीक्षण करने की अनुमति दी है। यदि मंगलवार को मौसम ने साथ दिया, तो दिल्ली में पहली बार कृत्रिम वर्षा का इतिहास रचा जा सकता है।
