मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला: अदालत ने दो आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए

नई दिल्ली, 26 दिसंबर  – दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उन दो व्यक्तियों सकरिया राजेशभाई खिमजीभाई और तहसीन रजा रफीउल्लाह शेख के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए, जिन पर इस साल की शुरुआत में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने का आरोप है। आरोपियों ने अदालत में पेश होने पर खुद को निर्दोष बताया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एकता गौबा मान ने गुप्ता को 28 फरवरी को दोपहर दो बजे गवाही देने के लिए बुलाया और कहा कि भविष्य में उनकी सभी गवाही बंद कमरे में ही होगी। न्यायाधीश ने यह कदम भीड़भाड़ से बचाव और पीड़ित के निजता के अधिकार की सुरक्षा के लिए उठाया, क्योंकि मुख्यमंत्री एक महिला और सार्वजनिक हस्ती हैं।

अदालत ने पहले ही 20 दिसंबर को इन आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप तय करने का आदेश दिया था। न्यायाधीश ने कहा कि प्रथमदृष्टया दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 61(2) (आपराधिक साजिश), 221 (लोक सेवक के सार्वजनिक कर्तव्य में बाधा), 132 (लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बल प्रयोग) और 109(1) (हत्या का प्रयास) के तहत दंडनीय अपराध बनते हैं।

संबंधित जेल अधीक्षक को खिमजीभाई की चिकित्सा जांच कराने का निर्देश भी दिया गया, क्योंकि उसने अदालत में याचिका दी थी कि उसकी दृष्टि कमजोर हो गई है और उसे नए चश्मे की आवश्यकता है।

गुप्ता पर यह हमला 20 अगस्त को सिविल लाइंस स्थित उनके कैंप कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हुआ था। उनके कार्यालय ने इसे “हत्या की सुनियोजित साजिश” बताया। गुजरात के राजकोट निवासी खिमजीभाई (41) को हत्या के प्रयास समेत अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। शेख पर खिमजीभाई के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पर हमले की साजिश रचने का आरोप है।

अभियोजन के अनुसार, दोनों आरोपियों ने गुजरात के राजकोट में साजिश रची थी, और तहसीन ने इस साजिश के लिए खिमजीभाई के खाते में 2,000 रुपये हस्तांतरित किए थे। दिल्ली पुलिस ने 18 अक्टूबर को आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, लोक सेवक पर हमला और आपराधिक साजिश सहित विभिन्न मामलों में 400 पृष्ठों का आरोप-पत्र दाखिल किया था।

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