महिला वनडे विश्व कप 2025 : इतिहास रचने से बस एक कदम दूर भारत, फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से आज टक्कर

मुंबई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सामने आज इतिहास रचने का सुनहरा मौका है। डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार को होने वाले महिला वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल में भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा। यह मुकाबला न सिर्फ खिताबी जंग है, बल्कि भारतीय बेटियों के उस अधूरे सपने को पूरा करने का अवसर भी है, जो 2005 और 2017 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के हाथों अधूरा रह गया था।

यह पहला मौका है जब महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में न ऑस्ट्रेलिया होगी और न इंग्लैंड। इसका मतलब साफ है—इस बार दुनिया को एक नया विश्व चैंपियन मिलने जा रहा है। भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही टीम पहली बार खिताब के इतने करीब पहुंची हैं, और दोनों की नजरें अब विश्व क्रिकेट के शीर्ष स्थान पर होंगी।

सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को दी ऐतिहासिक मात

भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया। जेमिमा रोड्रिग्स की नाबाद 127 रन की पारी और कप्तान हरमनप्रीत कौर के 89 रन की बदौलत भारत ने 339 रन के विशाल लक्ष्य को हासिल कर लिया—जो महिला वनडे विश्व कप इतिहास का सबसे बड़ा सफल लक्ष्य पीछा करने का नया रिकॉर्ड है। इस जीत ने भारतीय टीम के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दी है।

लीग चरण में लगातार तीन मैच हारने के बाद टीम ने जिस तरह से वापसी की, उसने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक नई कहानी लिख दी। अब हरमनप्रीत ब्रिगेड का लक्ष्य उस कहानी को खिताब के साथ मुकम्मल करना है।

“अब बस जीत का एहसास बाकी है” – हरमनप्रीत कौर

फाइनल से पूर्व भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा,

“हमें पहले ही पता है कि हारने का दर्द क्या होता है, लेकिन जीत का एहसास कैसा होता है, इसका इंतजार अब और नहीं करना चाहते। हमने पूरी मेहनत की है और रविवार को मैदान पर सब कुछ झोंक देंगे।”

हरमन की यह बात टीम के जुनून और आत्मविश्वास को बयां करती है। 2005 और 2017 के फाइनल की हार से मिले अनुभव ने इस बार खिलाड़ियों को और अधिक दृढ़ बनाया है।

दक्षिण अफ्रीका भी पहली बार फाइनल में

दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लाउरा वोलवार्ड्ट ने कहा कि नॉकआउट मुकाबले अलग तरह का दबाव लाते हैं।

“भारत का आत्मविश्वास ऊंचा है, खासकर ऑस्ट्रेलिया पर सेमीफाइनल की जीत के बाद। लेकिन हम भी अपनी पूरी ताकत लगाएंगे और कोशिश करेंगे कि भारतीय समर्थकों को खामोश कर सकें।”

महिला क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक दिन

अगर भारत यह विश्व कप जीतता है तो यह न सिर्फ टीम के लिए बल्कि देश में महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। जिस तरह कपिल देव की टीम ने 1983 में विश्व कप जीतकर पुरुष क्रिकेट को नई ऊंचाई दी थी, उसी तरह यह जीत भारत की युवा बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

सपनों को हकीकत में बदलने का वक्त अब आ गया है—हरमनप्रीत की शेरनियां इतिहास के सबसे बड़े मंच पर उतरने को तैयार हैं, और पूरा देश सांस थामे इस उम्मीद में है कि आज सूरज ढलेगा तो साथ में नया विश्व चैंपियन भारत कहलाएगा।

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