मणिपुर में ‘जल जीवन मिशन’ में घोटाले का आरोप, कांग्रेस ने की अदालत की निगरानी में जांच की मांग

मणिपुर में ‘जल जीवन मिशन’ में घोटाले का आरोप, कांग्रेस ने की अदालत की निगरानी में जांच की मांग

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर — केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन’ को लेकर मणिपुर में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। ‘इनर मणिपुर’ से कांग्रेस के लोकसभा सांसद ए. बिमल अकोइजम ने दावा किया है कि योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद ग्रामीण इलाकों में ज़मीन पर कोई काम नहीं हुआ है। उन्होंने इस कथित घोटाले की अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग की है।

कांग्रेस सांसद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने योजना के क्रियान्वयन पर लगातार नज़र रखी है और इससे संबंधित आंकड़ों की जांच की है। अकोइजम ने कहा, “मणिपुर में जल जीवन मिशन में घोटाले का अंदेशा है। मेरे संसदीय क्षेत्र के किसी भी गांव में नल से जल की आपूर्ति नहीं हो रही, जबकि कागजों पर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि संसद के पिछले सत्र में जब उन्होंने जलशक्ति मंत्री से इस योजना की प्रगति के बारे में पूछा तो बताया गया कि 2019 में योजना के शुरू होने से पहले मणिपुर के सिर्फ 26,000 घरों (5.74%) में नल से जल की सुविधा थी। मंत्रालय के अनुसार, यह संख्या अब बढ़कर 3,59,459 (लगभग 80%) हो चुकी है।

सांसद अकोइजम का आरोप है कि ज़मीनी सच्चाई इन आंकड़ों से मेल नहीं खाती। उन्होंने कहा, “मैंने खुद गांव-गांव जाकर देखा है। जिन क्षेत्रों का दौरा किया, वहां एक भी घर में नल से पानी नहीं आ रहा है।”

उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत अब तक 1,202 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें केंद्र का योगदान 1,078.82 करोड़ और राज्य का हिस्सा 124.03 करोड़ रुपये है। उन्होंने इन आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस भारी-भरकम धनराशि के बावजूद स्थानीय जनता को लाभ नहीं मिल रहा है।

अकोइजम ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर मणिपुर उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है। उनका कहना है, “मैं चाहता हूं कि देश को यह पता चले कि मणिपुर में जल जीवन मिशन के नाम पर कितना बड़ा घोटाला हो रहा है।”

फिलहाल इस मामले में जलशक्ति मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हालांकि, यह मुद्दा अब राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है।

कांग्रेस की यह मांग है कि इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो ताकि अगर कोई गड़बड़ी हुई है, तो जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जा सके।

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