लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में चार जिला समाज कल्याण अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है, जबकि तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन से स्थायी कटौती और करोड़ों की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने इन सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं।
बर्खास्त किए गए अधिकारियों में श्रावस्ती की तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव, मथुरा के करुणेश त्रिपाठी, हापुड़ के संजय कुमार ब्यास और शाहजहांपुर के राजेश कुमार शामिल हैं। इनके खिलाफ जांच समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की निगरानी में की गई थी। सभी पर सरकारी योजनाओं की धनराशि में हेरफेर और गबन के गंभीर आरोप साबित हुए हैं।
मीना श्रीवास्तव पर मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना और छात्रवृत्ति योजनाओं की धनराशि में हेरफेर का आरोप है। करुणेश त्रिपाठी ने मथुरा में 11 मान्यताविहीन निजी आईटीआई संस्थानों को ₹2.53 करोड़ की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति दी। उनसे ₹19.25 करोड़ की वसूली के आदेश हुए हैं। संजय कुमार ब्यास ने ₹2.74 करोड़ की छात्रवृत्ति की राशि सीधे शिक्षण संस्थानों को भेजी, जबकि राजेश कुमार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में अपात्रों को लाभ दिलाया। उनसे क्रमशः ₹3.23 करोड़ और ₹2.52 करोड़ की वसूली की जाएगी।
सेवानिवृत्त अधिकारियों पर भी विभाग ने सख्त रुख दिखाया है। अपूर्व डीएसडब्ल्यूओ श्रीभगवान से ₹20 लाख की वसूली के साथ पेंशन में 10 प्रतिशत की कटौती होगी। विनोद शंकर तिवारी से ₹1.96 करोड़ की रिकवरी और पेंशन में 50 प्रतिशत कटौती तथा उमा शंकर शर्मा से ₹89 लाख की वसूली के साथ पेंशन में 50 प्रतिशत कटौती का आदेश दिया गया है।
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू है। “ऐसे और पुराने मामलों में भी शीघ्र कार्यवाही होगी और दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी,” उन्होंने कहा।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, इन मामलों की फाइलें वर्षों से लंबित थीं जिन्हें मौजूदा सरकार ने फिर से खोला और जांच पूरी की। यह कार्रवाई सरकार के उस संकल्प को दोहराती है कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई भी अधिकारी दंड से नहीं बच सकेगा।
