भारत दुनिया को हमेशा परिवार के रूप में मानता रहा है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 21 नवंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारत हजारों वर्षों से पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानता रहा है। यह उद्गार उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) लखनऊ में आयोजित विश्व के प्रधान न्यायाधीशों और न्यायाधीशों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए।

मुख्यमंत्री ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, “दुनिया का कोई भी मत, मजहब या संप्रदाय नहीं है जिसे भारत ने संकट के समय में शरण न दी हो या उसके संरक्षण में योगदान न दिया हो।” उन्होंने सम्मेलन की शुरुआत करने वाले डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें वैश्विक एकता, शांति और न्याय के प्रति उनके योगदान के लिए याद किया।

योगी ने कहा कि विश्व में अशांति और अराजकता के बीच शिक्षा, विकास और न्याय का महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संवाद और सहयोग ही असली समाधान हैं, और प्रत्येक व्यक्ति और संस्था को इस दिशा में योगदान देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित सतत विकास लक्ष्यों का स्मरण कराया, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, रोजगार-कौशल विकास, पर्यावरण और वन संपदा के संरक्षण से जुड़े हैं। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि 250 करोड़ से अधिक बच्चों के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

साथ ही, उन्होंने साइबर अपराध और डेटा चोरी जैसी नई कानूनी चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि न्याय, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून विश्व शांति और मानव सभ्यता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

समारोह में क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति, लेसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री, विभिन्न देशों के न्यायाधीश, अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और सीएमएस लखनऊ की संस्थापक निदेशक डॉ. भारती गांधी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह सम्मेलन विश्व न्यायपालिका के बीच संवाद और अनुभव साझा करने का महत्वपूर्ण मंच साबित होगा, और भारत की परंपरा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश भी पूरे विश्व में पहुँचाएगा।

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