भारत की सबसे बड़ी हार: दक्षिण अफ्रीका ने 25 साल बाद किया क्लीन स्वीप

गुवाहाटी, 26 नवंबर  — दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय टीम को दूसरे और अंतिम टेस्ट में 408 रन से करारी हार देकर दो मैचों की श्रृंखला में 2-0 से क्लीन स्वीप किया। यह हार रन के लिहाज से भारत की टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार है और भारतीय क्रिकेट के लिए एक शर्मनाक अध्याय के रूप में दर्ज होगी।

भारत के सामने 549 रन का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था, लेकिन उसकी पूरी टीम मैच के पाँचवें दिन मात्र 140 रन पर ऑल आउट हो गई। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 489 रन बनाए थे और दूसरी पारी में 5 विकेट पर 260 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की। इस शानदार प्रदर्शन के जरिए दक्षिण अफ्रीका ने भारत का घरेलू मैदान पर दबदबा साबित कर दिया।

भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी का पूरा फायदा उठाते हुए, ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर ने 37 रन देकर 6 विकेट लिए और मैच में कुल 9 विकेट हासिल किए। उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय बल्लेबाजों की तकनीकी कमी और मानसिक दबाव को उजागर कर दिया। वहीं, एडेन मार्क्रम ने नौ कैच लेकर एक टेस्ट में सर्वाधिक कैच का रिकॉर्ड बनाया, जो कि भारत के अजिंक्य रहाणे द्वारा 2015 में बनाए गए आठ कैच के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ता है।

भारत की तरफ से केवल रविंद्र जडेजा ने संघर्ष किया और 87 गेंदों में 54 रन बनाए। अन्य बल्लेबाज जैसे कप्तान ऋषभ पंत, नीतीश कुमार रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर स्पिनरों के सामने दबाव में फंसते नजर आए। पंत ने केशव महाराज पर छक्का लगाया, लेकिन हार्मर की उछाल वाली गेंद उनके बल्ले से चूककर पहली स्लिप में मार्क्रम के हाथों में चली गई। साई सुदर्शन ने 139 गेंदों में सिर्फ 14 रन बनाए, लेकिन कई बार भाग्य की मदद से आउट होने से बच गए।

भारत के नाइटवॉचमैन कुलदीप यादव और ध्रुव जुरेल भी हार्मर की गेंदबाजी के आगे टिक नहीं पाए। हार्मर ने पिच से मिले टर्न और उछाल का पूरा फायदा उठाया और भारतीय बल्लेबाजों को लगातार पवेलियन लौटाया। इस पिच को हाल के समय की सबसे अच्छी भारतीय पिचों में गिना जा रहा था, लेकिन भारतीय बल्लेबाज स्पिन और तेज गेंदबाजी के दबाव में रन बनाने में असफल रहे।

मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में, भारत अब तक घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पाँच टेस्ट हार चुका है। पिछले 66 वर्षों में यह पहली बार है कि भारतीय टीम सात महीनों के अंतराल में पांच टेस्ट हार गई। इस हार से भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को भी बड़ा झटका लगा है।

इस श्रृंखला की तैयारी में भारत की टीम की कमजोरी और मानसिक अस्थिरता साफ नजर आई। कोलकाता में पहला टेस्ट 30 रन से हारने के बाद भी टीम ने आत्मविश्वास और तकनीकी सुधार नहीं दिखाया। भारतीय टीम के खिलाड़ियों में अपनी टेस्ट टीम में स्थायी स्थान सुनिश्चित करने की चिंता और आत्मविश्वास की कमी साफ दिखी।

दक्षिण अफ्रीका ने अपनी रणनीति और कौशल के जरिए भारतीय बल्लेबाजों को हर मोर्चे पर मात दी। श्रृंखला में उनका दबदबा न केवल प्रदर्शन में बल्कि मानसिक तौर पर भी दिखाई दिया। हार्मर और मार्क्रम की कप्तानी और व्यक्तिगत प्रदर्शन ने टीम को निर्णायक जीत दिलाई।

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