भारतीय पोत परिवहन क्षेत्र में निवेश का सही समय: प्रधानमंत्री मोदी

मुंबई, 29 अक्टूबर  – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक निवेशकों से भारतीय पोत परिवहन (मैरिटाइम) क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसकी अहम भूमिका को देखते हुए अब इस क्षेत्र में निवेश का यह सबसे उपयुक्त समय है।

मुंबई में आयोजित ‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “विभिन्न देशों से आए सभी निवेशकों के लिए भारतीय पोत परिवहन क्षेत्र में काम करने और अपनी उपस्थिति बढ़ाने का यह सही समय है। हम आपको ‘भारत में बनाओ, दुनिया के लिए बनाओ’ के हमारे दृष्टिकोण में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करते हैं।”

मोदी ने कहा कि भारत बंदरगाह और नौवहन क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देता है और सरकार उद्योगों को आकर्षक प्रोत्साहन भी दे रही है। उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को अधिक लचीला और भरोसेमंद बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत विश्वस्तरीय वृहद बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा, “मुंबई के उत्तर में स्थित वधावन बंदरगाह पहले ही दिन दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल हो गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता को चार गुना बढ़ाने और वैश्विक कंटेनर व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

मोदी ने इस अवसर पर दुनिया की शीर्ष पोत परिवहन कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से बंद कमरे में मुलाकात की। बैठक में एपी मोलर-माएर्स्क के चेयरमैन रॉबर्ट मार्सक उग्ला, डीपी वर्ल्ड के चेयरमैन सुल्तान अहमद बिन सुलेयम, मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी के सीईओ सोरेन टॉफ्ट, अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी और फ्रांसीसी कंपनी सीएमए-सीजीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष लुडोविक रेनौ शामिल थे।

कार्यक्रम में 85 से अधिक देशों की भागीदारी रही। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पोर्ट ऑफ सिंगापुर (पीएसए) को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी के चौथे टर्मिनल में लगभग 8,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत के बंदरगाह क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा एफडीआई निवेश है।

मोदी ने विश्वास जताया कि भारत आने वाले वर्षों में वैश्विक समुद्री व्यापार में एक प्रमुख केंद्र बनेगा और “मेक इन इंडिया से लेकर मूव इन इंडिया” की दिशा में नई गति प्राप्त करेगा।

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