ब्राह्मण विधायकों की जुटान से बीजेपी में खलबली, टॉप लीडरशिप डैमेज कंट्रोल में जुटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण विधायकों की हालिया जुटान के बाद भारतीय जनता पार्टी की शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गई है। पार्टी के भीतर उपजी नाराजगी और संभावित सियासी संदेश को देखते हुए डैमेज कंट्रोल की कवायद तेज कर दी गई है। मंगलवार को हुए दो अहम घटनाक्रमों ने इस पूरे मामले को और महत्वपूर्ण बना दिया है।

देवरिया से भाजपा विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। इन मुलाकातों को ब्राह्मण विधायकों की हालिया बैठक से जोड़कर देखा जा रहा है।

पत्रकार से नेता बने डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी 23 दिसंबर को लखनऊ में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक में शामिल थे। सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी रही कि अगली बैठक उनके आवास पर हो सकती है। ऐसे में मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात को राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व ने ब्राह्मण विधायकों की इस तरह की जुटान पर नाराजगी जताई थी और दोबारा ऐसी बैठक न करने की चेतावनी भी दी गई थी। कहा गया था कि यदि भविष्य में इस तरह की गतिविधियां हुईं तो कार्रवाई की जा सकती है।

रमापति राम त्रिपाठी ने संभाली कमान

मामले को शांत करने के लिए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने बैठक में शामिल कई विधायकों से फोन पर बातचीत कर संयम बरतने की सलाह दी है। त्रिपाठी ने भरोसा दिलाया कि पार्टी के मंच पर सभी की बात सुनी जाएगी और समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

देवरिया के पूर्व सांसद रमापति राम त्रिपाठी को मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का करीबी माना जाता है। पूर्वांचल की राजनीति में यह आम चर्चा है कि पंकज चौधरी अक्सर रमापति राम त्रिपाठी से मार्गदर्शन लेते हैं।

रमापति राम त्रिपाठी स्वयं पूर्वांचल में भाजपा का बड़ा ब्राह्मण चेहरा रहे हैं और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने विधायकों को समझाया कि नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद सीधे उनसे संवाद किए बिना इस तरह की बैठक उचित नहीं थी।

उन्होंने विधायकों को यह भी सुझाव दिया कि यदि कोई असंतोष या समस्या है तो उसे प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के सामने रखा जाए। त्रिपाठी ने भरोसा दिलाया है कि पार्टी नेतृत्व सभी मुद्दों को गंभीरता से सुनेगा और समाधान निकालेगा।

ब्राह्मण विधायकों की नाराजगी के इस घटनाक्रम ने पार्टी के भीतर हलचल जरूर पैदा की है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व इसे समय रहते संभालने की कोशिश में जुटा है।

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