नयी दिल्ली, 15 नवंबर : बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की शानदार जीत के बाद राज्यसभा में आगामी वर्षों में सत्तारूढ़ गठबंधन को पूरी सीटें जीतने का अवसर मिलेगा, जबकि अगले विधानसभा चुनाव के समय राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहेगा।
बिहार से राज्यसभा की कुल 16 सीटों में वर्तमान में राजद के पास पांच और कांग्रेस के पास एक सीट है। अगले साल की शुरुआत में होने वाले राज्यसभा चुनाव में राजद के दो सदस्य—प्रेमचंद गुप्ता और ए डी सिंह—का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। मौजूदा विधानसभा में राजग के पास पर्याप्त संख्या बल होने के कारण ये सीटें सत्तारूढ़ गठबंधन के कब्जे में आने की संभावना है।
राजग के वर्तमान राज्यसभा सदस्य हरिवंश और रामनाथ ठाकुर (दोनों जदयू) तथा उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) का कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 को समाप्त होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, राज्यसभा की पांच सीटों के लिए अगले द्विवार्षिक चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 42 विधायकों के वोट की आवश्यकता होगी।
राज्यसभा चुनाव में विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति तब बनती है जब बिहार विधानसभा में महागठबंधन के पास कुल 35 सीटें हैं। इसमें राजद की 25 सीटें, कांग्रेस की छह, भाकपा-माले की दो, माकपा की एक और इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी की एक सीट शामिल है।
आने वाले वर्षों में राज्यसभा के लिए होने वाले अगले चुनाव में भाजपा और जदयू के सदस्यों के कार्यकाल के अंत के बाद भी विपक्षी दलों के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं होगा। 2028 में फैयाज अहमद (राजद) समेत अन्य सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होगा और 2030 में धर्मशिला गुप्ता, भीम सिंह (दोनों भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), मनोज कुमार झा और संजय यादव (दोनों राजद) तथा अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस) का कार्यकाल समाप्त होगा।
इससे उच्च सदन में राजग का संख्या बल बढ़ाने में मदद मिलेगी, जबकि भाजपा अभी भी राज्यसभा में बहुमत हासिल नहीं कर पाई है।
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