पटना, 28 अक्तूबर। बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी INDIA गठबंधन दोनों ने अपनी-अपनी रणनीति बैठकों की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है, वहीं भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने संगठन को बूथ स्तर तक मज़बूत करने का अभियान शुरू कर दिया है।
दूसरी ओर, आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने कहा है कि “बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। हम न्याय, रोजगार और विकास के मुद्दों पर जनता के बीच जाएंगे।” कांग्रेस और वाम दलों के साथ सीटों के तालमेल को लेकर भी बातचीत जारी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाला चुनाव जातीय समीकरणों के साथ-साथ महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। वहीं जदयू नेताओं का दावा है कि राज्य में हुए विकास कार्य और सामाजिक योजनाएं ही एनडीए की मज़बूत नींव साबित होंगी।
चुनाव आयोग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के साथ-साथ बूथों के पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी है।
राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नवंबर के अंत तक सभी दल अपने प्रत्याशी चयन की दिशा में स्पष्ट संकेत दे सकते हैं।
सियासी तापमान बढ़ने के साथ बिहार में राजनीतिक बयानबाज़ी भी अपने चरम पर पहुंचने लगी है।
