पटना। निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने बताया है कि बिहार में मतदाता सूची के “विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR)” कार्यक्रम का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। आयोग ने इस पहल को जनभागीदारी और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। बिहार में हुए इस पहले चरण में लाखों नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए और पुरानी मतदाता सूचियों में सुधार किया गया।
आयोग के अनुसार, अब इस मॉडल को देश के 12 अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दूसरे चरण के रूप में लागू किया जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है ताकि आगामी चुनावों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
बिहार में इस अभियान के दौरान स्थानीय प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों और नागरिक समाज संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही। आयोग ने बताया कि बूथ लेवल अधिकारियों ने घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण की जांच की और नए पात्र नागरिकों का नामांकन सुनिश्चित किया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि “मतदाता सूची किसी भी लोकतंत्र की रीढ़ होती है, और बिहार ने इस दिशा में उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले चरण में भी अन्य राज्य इसी तरह पारदर्शिता और दक्षता के साथ इस प्रक्रिया को अपनाएंगे।
बिहार में SIR की सफलता को निर्वाचन आयोग एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में देख रहा है, जो भविष्य के सभी चुनावों के लिए बुनियादी सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।
