लखीसराय (बिहार), 6 नवंबर : बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मतदान के दौरान उनके काफिले पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समर्थकों ने हमला किया। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल के कार्यकर्ता मतदाताओं को “डराने-धमकाने” की कोशिश कर रहे थे।
सिन्हा, जो लगातार चौथी बार लखीसराय से चुनाव लड़ रहे हैं, ने स्थानीय प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस मामले को निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा, “सुबह से ही राजद समर्थक अतिपिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को धमका रहे हैं। स्थानीय पुलिस अधीक्षक कायर हैं, वे कहते हैं कि सब कुछ शांतिपूर्ण है जबकि सच्चाई यह है कि लोगों को वोट डालने से रोका जा रहा है।”
भाजपा नेता ने आगे कहा, “मेरे काफिले की एक कार विपक्षी पार्टी के गुंडों ने तोड़ दी। जब हमारे कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने पत्थर, चप्पल और गोबर फेंके। मेरे एक कार्यकर्ता, विभीषण केवट, को बुरी तरह पीटा गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।”
सिन्हा ने आरोप लगाया कि राजद हिंसा और डराने की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, “राजद ने दिखा दिया है कि वह किस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती है। जब सत्ता से बाहर रहते हुए ऐसा कर रहे हैं, तो सोचिए सत्ता में आने पर कैसा ‘जंगलराज’ होगा।”
घटना पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
लखीसराय के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि जिस इलाके में यह घटना बताई जा रही है, वहां मतदान जारी है। उन्होंने कहा, “हमें टूटी सड़कों को लेकर कुछ विरोध के समाचार मिले हैं, लेकिन मौके पर पहुंचने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।”
इस बीच, राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने उपमुख्यमंत्री के आरोपों को “झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया। उन्होंने कहा, “विजय सिन्हा को जेड-प्लस सुरक्षा मिली हुई है, राज्य में उनकी ही पार्टी की सरकार है और प्रशासन भी उन्हीं के नियंत्रण में है। फिर भी वे झूठे आरोप लगाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने केवल टूटी नाली की शिकायत की थी, बस यही मामला था।”
पहले चरण में 121 सीटों पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्वक जारी था, लेकिन इस घटना ने चुनावी सरगर्मी को और तेज कर दिया है।
