वृंदावन (मथुरा)। कार्तिक मास में ठाकुर श्री बांकेबिहारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन मंदिर प्रबंधन की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित श्री बांकेबिहारी मंदिर हाईपावर्ड प्रबंधन कमेटी के आदेश अब तक कागजों से आगे नहीं बढ़ पाए हैं।
मंदिर परिसर और आसपास की गलियों में रोजाना अफरातफरी की स्थिति बनी रहती है। सोमवार को तो स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि भीड़ में महिलाएं और बच्चे दब गए, जिनकी चीखें सुनकर श्रद्धालु भी घबरा गए। पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद तो रहे, लेकिन प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं दिखी।
कमेटी के आदेशों की अनदेखी
हाईपावर्ड कमेटी ने भीड़ नियंत्रण के लिए कई बार स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए —
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मंदिर में रैलिंग लगाकर दर्शन के लिए अलग-अलग लाइनें बनवाने का आदेश।
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महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग स्थान निर्धारित करने की व्यवस्था।
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सिक्योरिटी एजेंसी में बदलाव और रिटायर्ड सैनिकों की एजेंसी लगाने की सिफारिश।
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मंदिर के समय में परिवर्तन ताकि भीड़ का दबाव नियंत्रित रहे।
लेकिन इनमें से कोई भी आदेश प्रभावी रूप से लागू नहीं हो सका। केवल वीआईपी पर्ची सिस्टम बंद करने का फैसला ही अमल में लाया गया है।
श्रद्धालुओं में बढ़ता रोष
गाजियाबाद से दर्शन के लिए आए श्रद्धालु वरुण ने बताया, “नई कमेटी बनने के बाद उम्मीद थी कि व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन यहां तो हालात पहले से भी बदतर हैं। गलियों में सांस लेना मुश्किल है, मंदिर में कदम रखने की जगह नहीं।”
भीड़ प्रबंधन बना चुनौती
कार्तिक मास में प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए वृंदावन पहुंच रहे हैं। संकरी गलियों में घंटों तक लोग फंसे रहते हैं। मंदिर परिसर में पुरुषों और महिलाओं की लाइनें अलग रखने के आदेश भी धरे के धरे हैं — जगमोहन क्षेत्र में पुरुषों को महिलाओं की जगह पर जाते देखा गया, जबकि उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था।
सेवायतों ने भी उठाए सवाल
मंदिर के सेवायतों ने भी सवाल उठाया है कि जब आदेशों का पालन होना ही नहीं है तो कमेटी बार-बार नए निर्देश क्यों जारी कर रही है। उनका कहना है कि प्रबंधन कमेटी और प्रशासन में समन्वय का अभाव ही मंदिर में बढ़ती अव्यवस्था का मुख्य कारण है।
आवश्यकता सुधार की
बांकेबिहारी मंदिर में लगातार बढ़ती भीड़ और असुरक्षित माहौल को देखते हुए यह जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का तत्काल पालन कराया जाए और दर्शन व्यवस्था को नए सिरे से सुव्यवस्थित किया जाए, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और शांतिपूर्वक ठाकुर जी के दर्शन कर सकें।
