
बिहार में चुनावी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। दो चरणों का मतदान पूरा होने के बाद अब सभी की नजरें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिक गई हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, और नेताओं की जनसभाओं, वादों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनता अब शांत मन से अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है।
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए 6 और 11 नवंबर को मतदान शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस बार युवाओं, महिलाओं और पहली बार वोट डालने वालों में मतदान को लेकर खास उत्साह देखा गया। आयोग का दावा है कि दोनों चरणों में मतदान प्रतिशत पिछली बार की तुलना में बेहतर रहा है।
वहीं, एग्जिट पोल्स ने इस चुनाव को बेहद रोमांचक बना दिया है। अधिकांश एग्जिट पोल्स में NDA गठबंधन को बढ़त दिखाई गई है, जिन्हें 120 से 160 सीटों के बीच मिलने का अनुमान जताया गया है। इसके विपरीत महागठबंधन (MGB) को 70 से 100 सीटों के बीच बताया जा रहा है। हालांकि, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वास्तविक परिणाम एग्जिट पोल्स को चौंका भी सकते हैं, क्योंकि कई सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मतगणना वाले दिन सुबह 8 बजे से ही शुरुआती रुझान माहौल बदल सकते हैं। दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने दावे किए हैं। NDA का कहना है कि “जनता ने विकास और स्थिरता पर वोट दिया है”, जबकि महागठबंधन का दावा है कि “लोग बदलाव चाहते हैं और इस बार परिणाम ऐतिहासिक होंगे।”
अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब ये साफ हो जाएगा कि बिहार की कमान किसके हाथ में जाएगी — NDA के पास या महागठबंधन के पास।