मुंबई, 31 अक्टूबर : महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख दादा भुसे ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने विभाग से उन कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जो बंधक बनाने की घटना में मारे गए रोहित आर्य ने शिक्षा विभाग के साथ किए थे।
रोहित आर्य (50) गुरुवार को पवई स्थित आरए स्टूडियो में 17 बच्चों और दो वयस्कों को कथित रूप से बंधक बनाने की घटना में शामिल था। पुलिस की तीन घंटे चली कार्रवाई के दौरान आर्य की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया। बताया गया कि 10 से 12 वर्ष की आयु के इन बच्चों को एक वेब सीरीज के ऑडिशन के लिए स्टूडियो में बुलाया गया था, जो छह दिनों से जारी था।
मंत्री भुसे ने कहा कि आर्य का “अप्सरा एंटरटेनमेंट नेटवर्क” नामक संगठन राज्य सरकार की ‘स्वच्छता मॉनिटर पहल’ से जुड़ा हुआ था। उन्होंने बताया, “ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग ने उसके खिलाफ कुछ कार्रवाई की थी। हमने फिलहाल विभाग से उसकी ओर से किए गए सभी कार्यों और अनुबंधों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।”
जानकारी के अनुसार, आर्य ने पहले दावा किया था कि शिक्षा विभाग की एक परियोजना में उसका बकाया भुगतान रुका हुआ है और इसी मुद्दे पर उसने पुणे में विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस विवाद के बाद उसने सोशल मीडिया पर विभाग पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाए थे।
इस मामले पर महाराष्ट्र के पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि आर्य ने एक वेबसाइट के जरिये छात्रों से धन जुटाया था, जिस पर विभाग ने आपत्ति जताई थी। केसरकर ने कहा, “वह मेरे पास आर्थिक मदद की मांग लेकर आया था। उसने बताया कि विभाग ने उसका भुगतान रोक रखा है, इसलिए मैंने व्यक्तिगत रूप से उसकी सहायता की थी।”
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, 25 जनवरी 2024 को जारी एक सरकारी प्रस्ताव में आर्य को ‘प्रोजेक्ट लेट्स चेंज’ का निदेशक बताया गया था। इस परियोजना के तहत जुलाई से अक्टूबर 2023 तक ‘स्वच्छता मॉनिटर पहल’ संचालित की गई थी, जिसमें करीब 64,000 स्कूलों और 59 लाख छात्रों ने भाग लिया था। कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को स्वच्छता मॉनिटर बनाकर सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और कूड़ा फैलाने जैसी आदतों को रोकना था।
मंत्री भुसे ने कहा कि फिलहाल विभाग सभी अनुबंधों, भुगतान और निगरानी रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर किसी भी स्तर पर अनियमितता या प्रशासनिक लापरवाही सामने आई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
