नई दिल्ली, 8 दिसंबर – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू पर एक बार विस्तृत चर्चा कराई जाए, ताकि उन पर बार-बार आरोप लगाने का अध्याय हमेशा के लिए बंद हो और बेरोजगारी, महंगाई और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सके।
केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने कहा, “नेहरू जी इस देश के लिए जिए और देश की सेवा करते-करते उन्होंने दम तोड़ा। प्रधानमंत्री महोदय 12 साल से इस सदन में हैं, नेहरू जी लगभग उतने साल जेल में रहे।” उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष अपनी शिकायतों की सूची बना ले और समय निर्धारित कर लें, चाहे वह 10, 20 या 40 घंटे क्यों न हो, ताकि सभी आरोपों पर चर्चा हो और फिर अध्याय खत्म किया जा सके।
प्रियंका ने नेहरू के योगदान का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि उन्होंने इसरो, डीआरडीओ, आईआईटी-आईआईएम और एम्स जैसी संस्थाएं नहीं बनाई होतीं, तो देश आज आईटी, रक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी उन्नति नहीं कर पाता। उन्होंने आरोप लगाया कि वंदे मातरम् पर विवाद खड़ा कर सत्तापक्ष कई महापुरुषों का अपमान कर रहा है।
प्रियंका ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस और रवींद्रनाथ टैगोर के पत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि 28 अक्टूबर 1937 को कांग्रेस कार्यसमिति ने वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत घोषित किया था और महात्मा गांधी, नेताजी, पंडित नेहरू, आचार्य नरेंद्र देव, सरदार पटेल और रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे स्वीकार किया। 1950 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने संविधान सभा में इसे राष्ट्रगीत घोषित किया, जिसमें बाबासाहेब आंबेडकर और श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी उपस्थित थे।
प्रियंका गांधी ने कहा, “आज वंदे मातरम् पर बहस करना उन महापुरुषों का अपमान है, जिन्होंने इसे संविधान में स्वीकार किया। राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अंश में रवींद्रनाथ टैगोर की सबसे बड़ी भूमिका रही।”
इस प्रकार प्रियंका गांधी ने सत्तापक्ष से आग्रह किया कि नेहरू पर चर्चा एक बार हो और फिर देश की वास्तविक समस्याओं जैसे बेरोजगारी, महंगाई और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।
