लखनऊ: हॉस्पिटल की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के थाना बिझनौर क्षेत्र के माती इलाके में संचालित सीमा हॉस्पिटल एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां इलाज में हुई कथित लापरवाही के चलते स्वरूपचंद खेड़ा, एलडीए कॉलोनी, पारा निवासी ममता (35 वर्ष) पत्नी बच्चा लाल की प्रसव के दौरान मौत हो गई। दुखद यह कि प्रसूता के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी थी। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए शव के साथ सड़क पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

डिलीवरी के दौरान लापरवाही से गई दो जिंदगियाँ

जानकारी के अनुसार, शनिवार तड़के ममता को प्रसव पीड़ा हुई तो उसके पति, जो मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उसे पास ही स्थित सीमा हॉस्पिटल ले गए। परिजनों के मुताबिक, भर्ती के समय ही अस्पताल प्रशासन ने 30 हजार रुपये की मांग की, जिसमें से 25 हजार रुपये तुरंत दे दिए गए।


दोपहर बाद ऑपरेशन किया गया, लेकिन बच्चे की पेट में ही मौत हो चुकी थी। बच्चे की मौत के बाद ममता की हालत और बिगड़ने लगी। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने इलाज के लिए चार लाख रुपये और दो यूनिट खून की मांग की। परिवार ने किसी तरह खून की व्यवस्था की, मगर डॉक्टरों ने इलाज में देरी की, जिससे महिला की हालत और गंभीर होती गई।

“पैसे दो नहीं तो इलाज नहीं” – परिजनों का आरोप

परिजनों का कहना है कि डॉक्टर पैसे की मांग करते रहे और जब उन्होंने कुछ देर बाद रकम की व्यवस्था कर ली, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सोमवार शाम जब वे अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने कहा कि महिला को तुरंत ट्रॉमा सेंटर ले जाओ, नहीं तो मर जाएगी।
एम्बुलेंस बुलाई गई, लेकिन जब ममता को बाहर लाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों के अनुसार, डॉक्टरों ने मृत्यु की पुष्टि करने के बजाय उन्हें बहलाने की कोशिश की।

घटना के बाद स्टाफ फरार, अस्पताल में ताला

घटना की जानकारी मिलते ही लोगों की भीड़ अस्पताल के बाहर जमा हो गई। गुस्साए परिजनों ने मृतका का शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सीमा हॉस्पिटल फर्जी तरीके से संचालित है, उसे ऑपरेशन करने की अनुमति नहीं है, फिर भी वर्षों से यहां डिलीवरी और ऑपरेशन हो रहे हैं।
लोगों का यह भी आरोप है कि इससे पहले भी इसी अस्पताल में दो-तीन महिलाओं की डिलीवरी के दौरान मौत हो चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जैसे ही मामला बढ़ा, अस्पताल का पूरा स्टाफ ताला लगाकर फरार हो गया।

पुलिस प्रशासन हरकत में

सूचना पाकर एसीपी राजनीश वर्मा मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि “मामले की जांच की जा रही है, दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अगर अस्पताल के संचालन में अनियमितता या लापरवाही पाई गई तो इसे सीज किया जाएगा।”
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, प्रदर्शन जारी रहने के कारण इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।

स्थानीयों ने मांगी जांच, स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल

स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि सीमा हॉस्पिटल जैसे फर्जी अस्पतालों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच कर स्थायी रूप से बंद किया जाए। लोगों ने कहा कि गरीब परिवारों से जबरन पैसे वसूले जाते हैं, और लापरवाही से जानें जा रही हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।

फिलहाल पुलिस ने परिजनों की तहरीर लेकर मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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