प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाली अनुसंधान व विकास परियोजनाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की

नई दिल्ली, 3 नवंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुसंधान और विकास (R&D) में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कोष की शुरुआत करते हुए कहा कि उनकी सरकार अब उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं का समर्थन कर रही है। उनका उद्देश्य भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महाशक्ति के रूप में उभरने में सक्षम बनाना है।

प्रधानमंत्री ने ‘उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी)’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि विश्वव्यापी परिवर्तन की गति बहुत तेज है और इसके मद्देनजर विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों को एक साथ आने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह कोष जनता को लाभ पहुँचाने और नए अवसर खोलने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र में R&D की संस्कृति को बढ़ावा देगा।

भारत में R&D स्थिति:

भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का केवल 0.6 प्रतिशत अनुसंधान एवं विकास पर खर्च करता है, जो वैश्विक औसत से कम है।

इसमें निजी क्षेत्र का योगदान 36 प्रतिशत है, जबकि चीन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में यह लगभग 75 प्रतिशत है।

मोदी ने कहा कि पहली बार पूंजी का आवंटन विशेष रूप से उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं के लिए किया जा रहा है, जिससे अभूतपूर्व प्रयासों का समर्थन सुनिश्चित होगा। उन्होंने वित्तीय विनियमों, खरीद नीतियों और प्रोटोटाइप को बाजार तक पहुँचाने की प्रक्रिया में सुधार की जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से खाद्य सुरक्षा से आगे पोषण सुरक्षा, बायोफोर्टिफाइड फसलों, मिट्टी स्वास्थ्य संवर्धक और जैव उर्वरक, तथा सस्ती और नवीन ऊर्जा भंडारण तकनीक विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

उल्लेखनीय उपलब्धियां और पहल:

भारत का R&D व्यय पिछले दशक में दो गुना बढ़ा।

पंजीकृत पेटेंट में 17 गुना वृद्धि हुई।

स्टार्टअप क्षेत्र में भारत वैश्विक स्तर पर तीसरे सबसे बड़े परिवेशी तंत्र के रूप में उभरा।

विश्वविद्यालयों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की गई।

भारतीय महिलाओं का योगदान विशेष रूप से अंतरिक्ष अनुसंधान और पेटेंट में बढ़ा, अब सालाना 5,000 से अधिक पेटेंट दायर किए जाते हैं।

STEM शिक्षा में 43 प्रतिशत छात्राएं शामिल हैं, जो वैश्विक औसत से अधिक है।

मोदी ने कहा कि महान उपलब्धियों की नींव विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी में परिवर्तन से मिलती है, और पिछले 10-11 वर्षों में भारत केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं रहकर प्रौद्योगिकी के माध्यम से परिवर्तन का अग्रणी बन गया है।

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