पीएम मोदी ने पुलिसिंग सुधार और युवाओं में पुलिस के प्रति सोच बदलने पर दिया जोर

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे 60वें अखिल भारतीय डीजीपी-आईजी सम्मेलन के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने शिरकत की। सम्मेलन में पीएम मोदी ने पुलिसिंग सुधार, ड्रग्स नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई अहम बिंदुओं पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रग्स के गलत इस्तेमाल से निपटने के लिए सरकार का नजरिया व्यापक होना चाहिए, जिसमें कानून लागू करना, रिहैबिलिटेशन और कम्युनिटी स्तर पर सक्रिय हस्तक्षेप शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस के बारे में लोगों, विशेषकर युवाओं, की सोच बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। पीएम मोदी ने कहा कि इसके लिए पुलिस में प्रोफेशनलिज़्म, सेंसिटिविटी और रिस्पॉन्सिवनेस को बढ़ाना होगा। उन्होंने शहरी पुलिसिंग और टूरिस्ट पुलिस यूनिट्स को मज़बूत बनाने पर भी जोर दिया।

सम्मेलन की थीम ‘विकसित भारत, सिक्योरिटी डाइमेंशन्स’ के तहत प्रधानमंत्री ने पुलिस लीडरशिप से अपील की कि वे विकसित भारत की उम्मीदों के अनुरूप पुलिसिंग के तरीकों में सुधार करें। उन्होंने कहा कि नई भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है।

पीएम मोदी ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस फोर्स से कहा कि वे खाली द्वीपों को जोड़ने के लिए नई रणनीति अपनाएं, नैटग्रिड (NATGRID) के डेटाबेस का प्रभावी उपयोग करें और इंटेलिजेंस निर्माण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ाएं। उन्होंने पुलिस जांच में फोरेंसिक के उपयोग पर विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों को केस स्टडी विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में सुधार हो सके।

सम्मेलन में विजन 2047 की दिशा में लॉन्ग-टर्म रोडमैप, काउंटर-टेररिज्म और काउंटर-रेडिकलाइजेशन के उभरते ट्रेंड, महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल, विदेशों में मौजूद भारतीय भगोड़ों को वापस लाने की रणनीति और प्रभावी जांच तथा प्रॉसिक्यूशन सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक क्षमताओं को मज़बूत करने पर भी चर्चा हुई।

कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पीएम मोदी ने सम्मेलन में यह संदेश दिया कि एक विकसित और सुरक्षित भारत के लिए पुलिसिंग प्रणाली में आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और समुदाय के साथ बेहतर संबंध जरूरी हैं।

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