पिलीभीत में 23 दिन से धान खरीद बंद, नाराज़ किसान ने ट्रॉली पर आग लगाने की कोशिश; व्यवस्था पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश के पिलीभीत जिले में सरकारी धान खरीद केंद्र पर गंभीर अव्यवस्था सामने आई है। जानकारी के अनुसार जिले के एक प्रमुख खरीद केंद्र पर पिछले 23 दिनों से तौल बंद है। लंबे समय से अपने धान की बिक्री का इंतज़ार कर रहे किसानों में गहरा आक्रोश है। इसी गुस्से के बीच सोमवार को एक किसान ने अपना विरोध जताते हुए ट्रॉली पर चढ़कर आग लगाने की कोशिश की, हालांकि मौजूद लोगों ने उसे समय रहते रोक लिया।

किसानों का आरोप है कि केंद्र पर न तो तौल हो रही है और न ही अधिकारी संतोषजनक जवाब दे रहे हैं। कई किसान रोज़ सुबह 5 बजे से लाइन में लगते हैं, लेकिन शाम को खाली हाथ लौटना पड़ता है। लगातार इंतज़ार के कारण धान में नमी बढ़ने और गुणवत्ता खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान की आशंका है।

सूत्रों के अनुसार, तौल बंद होने की वजह मशीनरी की खराबी और स्टाफ की कमी बताई जा रही है। लेकिन किसानों का कहना है कि यह “तकनीकी समस्या” नहीं बल्कि “प्रशासनिक लापरवाही” है।

स्थिति बिगड़ने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और मौके पर अधिकारियों की टीम भेजी गई। SDM ने मौके पर जाकर किसानों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि खरीद केंद्र की तकनीकी खराबी जल्द ठीक की जाएगी और तौल फिर से शुरू की जाएगी

प्रदेश में धान खरीद को लेकर सरकार ने पारदर्शिता और बिचौलियों के ख़िलाफ सख्त निर्देश जारी किए हैं, लेकिन पिलीभीत की यह घटना इन दावों पर सवाल खड़े करती है। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे के भीतर खरीद शुरू नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।

इस विवाद के चलते न सिर्फ स्थानीय किसानों की आजीविका प्रभावित हुई है, बल्कि जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है।

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