इस्लामाबाद, 13 अक्टूबर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सोमवार को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़प में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक पुलिसकर्मी और तीन प्रदर्शनकारी शामिल हैं। इस झड़प में 48 पुलिसकर्मी घायल भी हुए, जिनमें से 17 को गोली लगी है। यह घटना उस समय हुई जब TLP के हजारों समर्थकों ने लाहौर से इस्लामाबाद की ओर मार्च किया।
TLP ने गाजा के लोगों के समर्थन में अमेरिकी दूतावास तक मार्च और धरना प्रदर्शन की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारियों ने ग्रैंड ट्रंक (GT) रोड के रास्ते लाहौर से निकलकर लगभग 40 किलोमीटर दूर मुर्दिके तक पहुंच बना ली थी, जहां उन्हें रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प करीब पांच घंटे तक चली। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कील लगे डंडों, ईंटों, पेट्रोल बमों और बंदूकों का इस्तेमाल किया, जिससे हालात अत्यधिक हिंसक हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए अभियान चलाया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई हिंसा में एक आम नागरिक की भी मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं। इस हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 40 से अधिक सरकारी और निजी वाहनों में आग लगा दी। सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में जले हुए वाहनों और भारी तबाही की तस्वीरें देखी जा सकती हैं।
प्रदर्शन को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। टीएलपी समर्थकों ने लाहौर के फैजपुर, काला शाह और बाबू साबू इलाकों में इस्लामाबाद-लाहौर एम2 मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया है। हालांकि, पेशावर से इस्लामाबाद जाने वाला एम1 मार्ग खुला रखा गया है, लेकिन भारी वाहनों की आवाजाही पर फिलहाल रोक लगी हुई है।
पुलिस और प्रशासन की ओर से प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक समझाने के प्रयास विफल होने के बाद ही बल प्रयोग किया गया। हिंसा की गंभीरता को देखते हुए पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
