नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में ट्रंप फिर चूके, वेनेजुएला की विपक्षी नेता को मिला सम्मान

वाशिंगटन, 10 अक्टूबर — पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तमाम कोशिशों और वैश्विक समर्थन के बावजूद उन्हें एक बार फिर नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिल सका। इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को देने का ऐलान किया गया है।

नॉर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिडनेस ने कहा कि मचाडो ने वेनेजुएला के गहराई से बंटे हुए विपक्ष को एकजुट किया और स्वतंत्र चुनाव व प्रतिनिधि सरकार की मांग को मजबूती से आगे बढ़ाया। उनकी यह भूमिका उन्हें वैश्विक लोकतंत्र और मानवाधिकार की दिशा में एक मजबूत प्रतीक बनाती है।

वहीं ट्रंप, जो लंबे समय से खुद को नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य बताते रहे हैं, एक बार फिर इससे चूक गए। ट्रंप दावा करते रहे हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में “सात युद्धों को समाप्त” किया और दुनिया भर में शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयास किए। वे कई बार सार्वजनिक मंचों से यह कह चुके हैं कि नोबेल समिति उन्हें नजरअंदाज करती है, जबकि उन्होंने हजारों जानें बचाने का काम किया है।

गौरतलब है कि अब तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों को पद पर रहते हुए नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है — थियोडोर रूजवेल्ट (1906), वुडरो विल्सन (1919) और बराक ओबामा (2009)। इसके अलावा जिमी कार्टर को पद छोड़ने के दो दशक बाद 2002 में यह पुरस्कार मिला था, जबकि पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर को 2007 में जलवायु परिवर्तन पर काम के लिए सम्मानित किया गया था।

ट्रंप समर्थकों ने भी उनके नाम की सिफारिश की थी, लेकिन समिति का निर्णय इस बार भी उनके पक्ष में नहीं गया। ट्रंप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैंने यह सब किसी पुरस्कार के लिए नहीं, बल्कि लोगों की जान बचाने के लिए किया था।”

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