लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय को उनके वृंदावन स्थित आवास में शनिवार सुबह हाउस अरेस्ट कर लिया गया। वे सपा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बरेली जाने वाले थे, जहां पार्टी का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तावित था। लेकिन प्रशासन ने उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद सपा डेलीगेशन का दौरा रद्द कर दिया गया।
माता प्रसाद पांडेय ने इस कार्रवाई की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि प्रशासन को यदि रोकना था तो पहले नोटिस देना चाहिए था। उन्होंने कहा, “हमें वहां जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से जानकारी लेनी थी। बरेली से बेगुनाह लोगों को जेल भेजे जाने की खबर मिली थी, जिसे लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक डेलीगेशन गठित किया था।”
सपा नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से लोकतंत्र का गला घोंटने वाली है। पार्टी के मुताबिक, सत्ताधारी दल के इशारे पर विपक्ष को दबाने की कोशिश हो रही है। माता प्रसाद ने सवाल उठाया कि पुलिस प्रशासन उन्हें क्यों रोक रहा है और कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार के अवैध कार्यों को छिपाने की कोशिश हो रही है।
बरेली जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू है, जिसके तहत किसी भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन या फिर जनप्रतिनिधि को बरेली की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एंट्री नही दी जाएगी. पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि जिले की साम्प्रदायिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित कार्यक्रम को जिले की सीमा में ही रोकने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए.
सपा ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताते हुए कड़ी निंदा की है और कहा है कि पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा से सड़क तक उठाएगी। फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल माता प्रसाद पांडेय के आवास पर तैनात है और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
