दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में 2.5% की कमी, घातक दुर्घटनाओं में भी गिरावट

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 के सितंबर तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 2.5 प्रतिशत और घातक दुर्घटनाओं में 2.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

पुलिस के अनुसार, 2024 में जहां सड़क दुर्घटनाओं में 1,178 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 1,149 रह गई। इसी तरह, घातक दुर्घटनाओं की संख्या 1,148 से घटकर 1,115 हो गई।

दिल्ली पुलिस ने इस निरंतर सुधार का श्रेय अपने “लगातार और व्यवस्थित प्रयासों” को दिया है। इसमें डेटा आधारित विश्लेषण, साक्ष्य आधारित हस्तक्षेप, सड़क अवसंरचना में सुधार और जोखिम भरे स्थानों पर सुरक्षा उपाय शामिल हैं।

विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) अजय चौधरी ने बताया, “यह गिरावट हमारे द्वारा अपनाए गए बहुआयामी दृष्टिकोण और हाई-रिस्क ज़ोन में जीवन रक्षक उपायों की सिफारिशों का परिणाम है। हम सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या को और घटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

यातायात पुलिस का दुर्घटना शोध प्रकोष्ठ ‘ब्लैकस्पॉट्स’ यानी बार-बार दुर्घटनाएं होने वाले स्थलों की पहचान करता है। इसके बाद इंजीनियरिंग प्रकोष्ठ वहां जाकर सड़क डिजाइन और सुरक्षा उपायों में सुधार की सिफारिश करता है।

इस वर्ष, 143 उच्च जोखिम वाले स्थानों की पहचान की गई, जिनमें सुधार हेतु सड़क मरम्मत, बेहतर संकेतक और सुरक्षित पैदल यात्री मार्ग प्रस्तावित किए गए हैं। स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों के आसपास 30 से अधिक स्थानों पर स्पीड ब्रेकर और अन्य गति नियंत्रण उपाय भी सुझाए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की मदद से 3,600 से अधिक ट्रैफिक कर्मियों को गति प्रबंधन और डेटा-आधारित प्रवर्तन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया है।

दिल्ली की सड़क दुर्घटना रिपोर्ट का नाम अब वैश्विक दृष्टिकोण के तहत बदलकर ‘क्रैश रिपोर्ट’ कर दिया गया है, जो इस धारणा को दर्शाता है कि सड़क दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं, वे अनिवार्य नहीं होतीं।

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