दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से अस्पतालों में मरीजों की भीड़, सांस संबंधी बीमारियों में इजाफा

 

दिल्ली। राजधानी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में सांस लेने में तकलीफ़, खांसी, एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायत वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया (RML) और लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पतालों में पिछले एक सप्ताह में ऐसे मामलों में 35% की वृद्धि दर्ज की गई है।

डॉक्टरों के अनुसार, प्रदूषण का स्तर “गंभीर” श्रेणी में पहुंचने के बाद बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा और बढ़ गया है। सांस की पुरानी बीमारियों (अस्थमा, ब्रोंकाइटिस) से ग्रसित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। कई मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट और नेबुलाइज़र की जरूरत पड़ रही है।

दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि सभी अस्पतालों में “ग्रीन वार्ड” बनाए जाएँ, जहां प्रदूषण से प्रभावित मरीजों के इलाज की विशेष व्यवस्था हो। इसके अलावा, मोहल्ला क्लीनिकों में भी डॉक्टरों की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई है ताकि प्राथमिक स्तर पर ही इलाज संभव हो सके।

स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि “दिल्ली सरकार नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है। प्रदूषण के कारण बढ़ते मरीजों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।” उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें और एन-95 मास्क का प्रयोग करें।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अगले कुछ दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ, तो अस्पतालों पर दबाव और बढ़ेगा। फिलहाल दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएँ अलर्ट मोड पर हैं।

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