दिल्ली में चांदी पहली बार दो लाख रुपये प्रति किलो के पार, सोना भी रिकॉर्ड स्तर के करीब

घरेलू-वैश्विक मांग मजबूत, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कीमती धातुओं में तेजी

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर । घरेलू और वैश्विक बाजारों में मजबूत मांग के चलते बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में चांदी ने इतिहास रच दिया। चांदी की कीमतें पहली बार दो लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार करते हुए रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी 7,300 रुपये की तेज छलांग लगाकर 2,05,800 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुई। इससे पहले इसका बंद भाव 1,98,500 रुपये प्रति किलोग्राम था।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि चांदी की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है और घरेलू बाजारों में यह नया रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी के उच्च स्तर पर पहुंचने का नतीजा है। उन्होंने बताया कि वैश्विक संकेतों के चलते निवेशकों की रुचि इस धातु में लगातार बढ़ रही है।

इस साल अब तक चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व उछाल देखने को मिला है। एक जनवरी 2025 को चांदी 90,500 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर 2,05,800 रुपये हो गई है। इस तरह वर्ष 2025 में अब तक इसमें 1,15,300 रुपये यानी 127.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

चांदी के साथ-साथ सोने की कीमतों में भी मजबूती देखने को मिली। स्थानीय सर्राफा बाजार में सोना 600 रुपये चढ़कर 1,36,500 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में इसका भाव 1,35,900 रुपये प्रति 10 ग्राम था।

आगमोंट की शोध प्रमुख रेनीशा चैनानी ने बताया कि अमेरिकी डॉलर सूचकांक के दो महीने के निचले स्तर पर आने से डॉलर में होने वाला सर्राफा कारोबार अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए सस्ता हो गया है, जिससे कीमती धातुओं की मांग को बल मिला है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी तेजी का रुख बना रहा। हाजिर सोना 18.59 डॉलर यानी 0.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4,321.06 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक प्रवीण सिंह ने कहा कि निवेशक अमेरिका में जारी होने वाले खुदरा मुद्रास्फीति आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जिससे आगे की कीमतों की दिशा तय हो सकती है।

वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, खासकर वेनेजुएला से जुड़ी चिंताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती के बाद मौद्रिक नरमी के संकेतों ने भी सोने-चांदी को समर्थन दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, खुदरा और संस्थागत निवेश मांग मजबूत रहने से कीमतों में आगे भी तेजी बनी रह सकती है।

उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर चांदी ने भी नया इतिहास बनाया और पहली बार 66 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई। चांदी 2.77 डॉलर यानी 4.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 66.52 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।

कोटक सिक्योरिटीज की सहायक उपाध्यक्ष (जिंस शोध) कायनात चैनवाला ने कहा कि हाजिर आपूर्ति की तंगी, सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग, चांदी समर्थित ईटीएफ में मजबूत निवेश और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने चांदी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि चीन द्वारा 2026 से चांदी के निर्यात पर रोक लगाने की संभावित योजना से भी आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ी है।

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