नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर : दिल्ली पुलिस ने गोवा निवासी एक व्यक्ति को एक महिला और उसके परिवार से 1.10 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को कई कंपनियों का सीईओ बताकर सोशल मीडिया पर उन्हें नौकरी और निवेश योजनाओं का झांसा दिया था। पुलिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान कुणाल सतीश हेलकर, निवासी महाराष्ट्र, के रूप में हुई है। वह फर्जी कंपनी दस्तावेज, नकली ऑफर लेटर और जाली ऑनलाइन पहचान का इस्तेमाल कर कई लोगों को ठगने वाला साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क चला रहा था।
द्वारका जिले के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अंकित सिंह ने बताया कि जांच तब शुरू हुई जब दीक्षा कनौजिया नामक महिला ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि हेलकर ने नौकरी, निवेश और कंपनी में साझेदारी के झूठे वादों के जरिए उसे और उसके परिवार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
जांच में पता चला कि आरोपी ने पिछले साल 20 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दीक्षा से संपर्क किया था। उसने खुद को एक प्रतिष्ठित मीडिया समूह का सीईओ बताते हुए 45,000 रुपये मासिक वेतन पर “डिजिटल एसोसिएट न्यूज़ एडिटर” की नौकरी की पेशकश की थी।
पुलिस के अनुसार, हेलकर ने प्लानर मीडिया ग्रुप, स्पीक कम्युनिटी नेटवर्क और विजया डिजिटल कॉर्पोरेशन नाम से कई फर्जी कंपनियां बनाई थीं। नकली नियुक्ति पत्रों, फर्जी ईमेल और रसीदों के जरिए उसने पीड़िता और उसके रिश्तेदारों को “इंटर्नशिप फीस”, “गैजेट्स खरीदने”, और यहां तक कि “डीडीए फ्लैट आवंटन” जैसे बहानों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर कराने के लिए राजी किया।
डीसीपी सिंह ने बताया, “आरोपी शिक्षित और पेशेवर वर्ग के लोगों को निशाना बनाने के लिए ऑनलाइन नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता था। उसने यूनेस्को और डीडीए जैसी संस्थाओं के नाम पर भी फर्जी वेबसाइट और दस्तावेज तैयार किए ताकि उसके झांसे को विश्वसनीयता मिल सके।”
जांच के दौरान, पुलिस ने आरोपी के मोबाइल नंबरों, ईमेल खातों और बैंक लेनदेन का तकनीकी विश्लेषण किया। इससे एक संगठित डिजिटल धोखाधड़ी नेटवर्क का खुलासा हुआ। हेलकर ने पीड़िता के घर में “सुरक्षा व्यवस्था” के बहाने सीसीटीवी कैमरे लगवाकर उनकी गतिविधियों पर नजर भी रखी थी।
पुलिस टीम ने डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर आरोपी का पता गोवा में लगाया। वहां छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन, जाली दस्तावेज, डीडीए आवंटन से जुड़े फर्जी ईमेल और वित्तीय लेनदेन से जुड़े उपकरण बरामद किए।
पूछताछ में हेलकर ने कई फर्जी कॉर्पोरेट पहचान पत्र बनाने और दिल्ली के परिवार से 1.10 करोड़ रुपये की ठगी करने की बात स्वीकार की। गोवा की स्थानीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उसे दिल्ली लाया गया।
पुलिस अब ठगी गई धनराशि का पता लगाने, संभावित साथियों की पहचान करने और यह जांचने में जुटी है कि क्या आरोपी ने इसी तरह के अन्य साइबर घोटाले भी किए हैं।
