नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा पर हुए कथित एसिड अटैक मामले में अब चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। पुलिस की जांच में यह शक गहराता जा रहा है कि कहीं छात्रा ने ही अपने पिता को बचाने के लिए यह पूरी कहानी तो नहीं रची?
दरअसल, मुख्य आरोपी बताए गए युवक की पत्नी ने छात्रा के पिता अकील पर दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने दावा किया है कि वह 2021 से 2024 के बीच अकील की फैक्टरी में काम करती थी, जहां उसने कई बार उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और अश्लील वीडियो बनाकर उसे धमकाने लगा। इस मामले में भलस्वा डेयरी थाने में रविवार को दुष्कर्म समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों और जांच में मिले सबूतों में भारी विरोधाभास मिला है। जिस समय छात्रा पर एसिड फेंके जाने की बात कही गई, उस वक्त कथित मुख्य आरोपी की लोकेशन करोल बाग के एक अपार्टमेंट में पाई गई। वहीं, उसके मोबाइल की लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज ने भी उसके अलिबाई की पुष्टि की है। सह-आरोपियों की लोकेशन आगरा की मिली है।
पुलिस के सामने कई सवाल खड़े हुए हैं —
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छात्रा के चेहरे पर एक भी छींटा नहीं पड़ा, जबकि हथेली जली मिली।
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अगर उसने चेहरा बचाने की कोशिश की होती, तो हाथ की ऊपरी सतह जलती, न कि हथेली।
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घटनास्थल पर तेजाब जमीन पर मिला, लेकिन दीवार या आस-पास कहीं भी छींटें नहीं थीं।
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छात्रा ने बाइक का नंबर कैसे देखा, जब उस पर एसिड फेंकने का दावा किया गया?
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उसके भाई ने कॉलेज के गेट तक क्यों नहीं छोड़ा, जबकि वह साथ आया था?
इस मामले ने अब कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना की निंदा करते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
फिलहाल दिल्ली पुलिस की टीमें इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी निर्दोष को फंसने नहीं दिया जाएगा, और सच्चाई बहुत जल्द सामने आ जाएगी।
