दिल्ली–एनसीआर में गंभीर प्रदूषण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने स्मॉग नियंत्रण के लिए बड़े कदम उठाए हैं। बढ़ते AQI और लगातार घने कोहरे जैसे हालातों को सुधारने के लिए सरकार ने निर्माण एजेंसियों को ‘एंटी-स्मॉग गन’ का नेटवर्क तेजी से बढ़ाने का निर्देश दिया है। ताजा आदेश के अनुसार, 29 नवंबर तक 107 नई एंटी-स्मॉग गन ज़रूरी तौर पर स्थापित की जानी हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रदूषित इलाकों में धूल कणों को नियंत्रण में लाया जा सके।
एंटी-स्मॉग गन हवा में मौजूद धूल, पार्टिकुलेट मैटर और प्रदूषक कणों को पानी की महीन फुहारों से नीचे गिराती है, जिससे हवा की गुणवत्ता में तात्कालिक सुधार होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह तकनीक खासकर निर्माण स्थलों के आसपास प्रभावी मानी जाती है, जहाँ धूल सबसे ज़्यादा फैलती है।
सरकारी एजेंसियों और नगर निकायों को उन इलाकों की सूची भी साझा की गई है जहाँ प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी में है और स्मॉग गन तुरंत तैनात करने की आवश्यकता है। कई प्रमुख सड़कों, बाजारों, फ्लाईओवरों के नीचे के क्षेत्रों और घनी आबादी वाले हिस्सों को हाई-प्रायोरिटी ज़ोन के रूप में चिन्हित किया गया है।
इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण के तहत पहले से लागू GRAP के नियमों को और सख्ती से पालन कराने का निर्देश जारी हुआ है। निर्माण कार्यों की निगरानी बढ़ाई जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी तय की गई है। प्रशासन का मानना है कि एंटी-स्मॉग गन का बढ़ता नेटवर्क हवा की गुणवत्ता में राहत देने में मदद करेगा, वहीं आम जनता से भी प्रदूषण कम करने में सहयोग की अपील की गई है।
