दंगल उत्तर भारतीय संस्कृति की प्राचीन धरोहर : अखिलेश यादव

सरोजनीनगर, 21 नवंबर  – समाजवादी आंदोलन के संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव के 86वें जन्मदिन के अवसर पर बंथरा के गुलाबखेड़ा में भव्य अंतरराष्ट्रीय दंगल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। आयोजन का संचालन पूर्व विधायक श्याम किशोर यादव के पुत्र युवा नेता कुमार दुर्गेश सिंह सोनू ने किया।

हजारों दर्शकों और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में अखिलेश यादव ने दंगल को उत्तर भारतीय संस्कृति की प्राचीन धरोहर बताया और कहा कि यह खेल उनके परिवार की विरासत है। उन्होंने स्मरण किया कि उनके पिता और नेताजी के बीच लंबे समय तक घनिष्ठ संबंध रहे। उन्होंने कहा कि दंगल केवल खेल नहीं है, बल्कि अनुशासन, कौशल और संघर्ष का प्रतीक है। इस संघर्ष की भावना को राजनीतिक मैदान में भी अपनाने की आवश्यकता है, क्योंकि “असली दंगल 2027 में होने जा रहा है।”

अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर लागू कर वोटर लिस्ट को दोबारा बनाने का उद्देश्य विपक्षी मतों को प्रभावित करना है, जिससे लोकतंत्र पर खतरा उत्पन्न होता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि “वोटर वाली कुश्ती” जीतने के लिए युवाओं को सतर्क और सक्रिय रहना होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर वर्तमान सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने सड़क निर्माण के नाम पर बजट की लूट और सरकारी संपत्तियों की बिक्री को सरकार की नीतिगत विफलता बताया। उन्होंने सपा सरकार के दौरान हुए निर्माण कार्यों को गुणवत्ता का उदाहरण बताते हुए वर्तमान में निर्माण कार्यों में खामियों और अनियमितताओं पर भी ध्यान आकर्षित किया।

अखिलेश यादव ने बिहार चुनाव का उदाहरण देते हुए बताया कि हार वाली सीटों पर वोट काटकर कैसे जीत हासिल की गई। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बूथ स्तर पर मतदाता जोड़ने के अभियान में पूरी तन्मयता से जुड़ें ताकि किसी भी मतदाता का अधिकार छिनने न पाए और लोकतंत्र मजबूत बने।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष सीएल वर्मा, युवा नेता कुमार दुर्गेश सिंह सोनू, पूर्व सांसद प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला अन्ना, पूर्व विधायक उदय राज यादव, पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन, प्रदेश सचिव त्रिवेणी पाल समेत हजारों पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

दंगल में लखनऊ, गोरखपुर, गोंडा, मेरठ, कानपुर, प्रयागराज, गाज़ीपुर, हरियाणा, ग्वालियर सहित कई राज्यों के लगभग एक सैकड़ा पहलवानों ने हिस्सा लिया। तीन हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की कुश्तियाँ आयोजित की गईं। 1.5 लाख रुपये की कुश्ती में मेरठ के साकिर नूर ने रोहतक के सुमित को हराया। मुख्य आकर्षण रही पांच लाख रुपये की कुश्ती, जिसमें रोहतक के नीतीश ने ईरान के इरफान को हराकर खिताब अपने नाम किया।

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