कांग्रेस सांसद शशि थरूर के हालिया लेख से छिड़ी ‘वंशवाद’ बहस पर पार्टी के नेताओं ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है। थरूर ने ओपिनियन पोर्टल प्रोजेक्ट सिंडिकेट में प्रकाशित अपने लेख में राजनीतिक वंशवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इससे शासन की गुणवत्ता कमजोर होती है। इस बयान को भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ हथियार बना लिया और राहुल गांधी को “नेपो किड” तथा तेजस्वी यादव को “छोटा नेपो किड” कहकर निशाना साधा।
भाजपा के हमलों के जवाब में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वंशवाद केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के हर क्षेत्र में मौजूद है। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, “डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, व्यापारी का बेटा व्यापार संभालता है, तो राजनीति भी इसका अपवाद नहीं हो सकती।” उन्होंने आगे कहा, “नायडू, पवार, ममता बनर्जी, मायावती और अमित शाह के बेटे तक—हर जगह वंशवाद के उदाहरण हैं। सिर्फ गांधी परिवार को निशाना बनाना दोहरे मापदंड का प्रमाण है।”
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने गांधी परिवार के योगदान का बचाव करते हुए कहा, “पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के सबसे योग्य प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी। भारत के किस परिवार ने इतना त्याग और समर्पण दिखाया? क्या भाजपा में ऐसा कोई उदाहरण है?”
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही अंतिम फैसला करती है। उन्होंने कहा, “आप किसी को सिर्फ इसलिए चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकते कि उसके पिता सांसद या मंत्री रहे हैं। यह जनता पर निर्भर करता है कि वह किसे चुनती है।”
हालांकि, कांग्रेस ने इस पूरे विवाद पर अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन पार्टी के नेताओं के बयानों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस वंशवाद के आरोपों को नकारने के बजाय इसे सामान्य सामाजिक परिघटना बताकर बचाव की रणनीति अपना रही है। भाजपा ने वहीं थरूर के लेख को कांग्रेस की “आंतरिक स्वीकारोक्ति” बताते हुए राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर फिर से सवाल उठाए हैं।
