मथुरा। यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार को घने कोहरे के बीच हुए भीषण सड़क हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। मथुरा जिले के अंतर्गत एक्सप्रेस-वे पर सात बसों और तीन कारों की आपस में टक्कर के बाद आग लग गई, जिसमें पांच लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक यात्री घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार और अफरा-तफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घना कोहरा हादसे की बड़ी वजह बताया जा रहा है। सुबह के समय अचानक एक वाहन के ब्रेक लगने से पीछे से आ रहे वाहन उससे टकरा गए। देखते ही देखते सात बसें और तीन कारें आपस में भिड़ गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि कुछ ही क्षणों में वाहनों में आग लग गई। आग की लपटें तेजी से फैलने लगीं और कई यात्री बसों में ही फंस गए।

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, जिला प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं। फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान एक्सप्रेस-वे के इस हिस्से में यातायात को अस्थायी रूप से रोक दिया गया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। राहत और बचाव कार्य में पुलिस, प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मिलकर घायलों को बाहर निकाला।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे के वक्त वह बस में गहरी नींद में था। अचानक जोरदार धमाके की आवाज आई, जिससे उसकी नींद खुल गई। आंख खुलते ही चारों ओर आग और धुआं फैला हुआ था। यात्री चीखते-चिल्लाते हुए जान बचाने की कोशिश कर रहे थे। कई लोग खिड़कियां तोड़कर बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे। बसें पूरी तरह भरी हुई थीं, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
एसएसपी मथुरा श्लोक कुमार ने बताया कि हादसे में सात बसें और तीन कारें आपस में टकराईं, जिससे सभी वाहनों में आग लग गई। अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 40 से अधिक घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी घायलों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं।
हादसे का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने घायलों के समुचित और बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन की ओर से पीड़ितों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है और हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
