पटना, 11 अक्टूबर – बिहार की सियासत में एक बार फिर सगे भाइयों के बीच बयानबाजी चर्चा का विषय बन गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने शनिवार को अपने छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस चुनावी वादे पर सवाल उठा दिया जिसमें उन्होंने हर परिवार को सरकारी नौकरी देने की बात कही थी।
हाल ही में राजद से निष्कासित होकर अपनी नई पार्टी जन शक्ति जनता दल बनाने वाले तेजप्रताप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “पहले राजद की सरकार तो बनने दें।” उनका यह बयान स्पष्ट रूप से तेजस्वी के वादों पर तंज के रूप में देखा जा रहा है।
तेजप्रताप ने आगे बताया कि उनकी पार्टी जल्द ही एक “बड़ी घोषणा” करने जा रही है। उन्होंने कहा, “परसों मेरी पार्टी के उम्मीदवारों के नाम घोषित होंगे।” इससे पहले उन्होंने खुद को महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का इच्छुक बताया था, जहां से वे पहले विधायक रह चुके हैं।
जब तेजप्रताप से यह पूछा गया कि क्या वे हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करेंगे, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, “सभी प्रकार की पार्टियों से बात चल रही है। समय आने पर सब कुछ सामने आ जाएगा।”
राजद से नाराजगी और पार्टी के भीतर जारी मतभेद को लेकर तेजप्रताप का यह बयान विपक्षी खेमे के लिए चिंता का कारण बन सकता है। वहीं, उनकी नई पार्टी जन शक्ति जनता दल आगामी विधानसभा चुनाव में किस हद तक प्रभाव डालेगी, यह आने वाला वक्त बताएगा।
फिलहाल, तेजस्वी यादव के ‘हर घर नौकरी’ के वादे पर तेजप्रताप की यह टिप्पणी यह संकेत देती है कि बिहार की राजनीति में परिवार के भीतर की लड़ाई चुनावी मैदान में और गर्मी ला सकती है।
