बेलडांगा (पश्चिम बंगाल), 22 दिसंबर । तृणमूल कांग्रेस से निलंबन के कुछ दिनों बाद पश्चिम बंगाल के भरतपुर से विधायक हुमायूं कबीर ने सोमवार को ‘जनता उन्नयन पार्टी’ के गठन की घोषणा की। मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर करना है। राज्य में विधानसभा चुनाव होने में अब छह महीने से भी कम समय बचा है।
कबीर ने दावा किया, “ममता बनर्जी 2026 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं लेंगी। वह अब वैसी नहीं रहीं जैसी मैं उन्हें जानता था और आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी राज्य के आम लोगों की आवाज बनेगी और उनके उत्थान के लिए काम करेगी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी का नाम रखते समय जानबूझकर कांग्रेस या तृणमूल से जुड़ा कोई संकेत नहीं रखा गया, ताकि नई पार्टी की अलग पहचान स्पष्ट हो सके।
भरतपुर विधायक ने बताया कि जनता उन्नयन पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने आठ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि वह स्वयं रेजिनगर और बेलडांगा—दोनों सीटों से चुनाव लड़ेंगे, जिन पर 2021 में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा, “मैं जिन दोनों सीटों से चुनाव लड़ूंगा, उन दोनों से जीतूंगा।”
कबीर ने पार्टी का घोषणापत्र भी जारी किया। चुनाव चिन्ह के रूप में उनकी पहली पसंद ‘मेज’ बताई गई है—जिस पर उन्होंने 2016 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था—बशर्ते निर्वाचन आयोग की मंजूरी मिले। ‘दो गुलाब’ को उन्होंने दूसरी पसंद बताया। पार्टी का झंडा भी जारी किया गया, जिसमें पीला, हरा और सफेद रंग शामिल हैं।
उन्होंने भगबंगोला और रानीनगर से अपने हमनाम उम्मीदवारों को टिकट देने की घोषणा की। इसके अलावा मुर्शिदाबाद से मनीष पांडे, दक्षिण कोलकाता के बालीगंज से निशा चटर्जी, पश्चिम मिदनापुर के खड़गपुर ग्रामीण से हाजी इबरार हुसैन, मालदा के बैसनाबनगर से मुस्केरा बीबी और दक्षिण दिनाजपुर के हरिरामपुर से वहीद-उर-रहमान को प्रत्याशी घोषित किया गया। कबीर ने कहा कि बाद में यह स्पष्ट किया जाएगा कि पार्टी अंततः कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इससे पहले वह 294 में से 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की मंशा जता चुके हैं।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने कबीर पर आरोप लगाया कि वह तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में लौटाने में मदद कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सामिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि कबीर आगामी विधानसभा चुनावों में कोई निर्णायक भूमिका नहीं निभाएंगे और “भाजपा के वोटों को बांटने” की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि इस तरह की पार्टियां पहले भी बनी हैं और समय के साथ गुमनामी में चली गई हैं। उन्होंने इसे “सांप्रदायिक उकसावे” करार दिया।
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद की आधारशिला रखने की घोषणा के बाद उत्पन्न विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस ने चार दिसंबर को कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया था। छह दिसंबर को उन्होंने रेजिनगर में मस्जिद की नींव रखी थी। कबीर का पिछले एक दशक में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और भाजपा सहित राज्य की कई प्रमुख पार्टियों से राजनीतिक जुड़ाव रहा है।
