ढूंढेवीर बाबा के मेले में उमड़ा जनसैलाब, आल्हा-गायन और दंगल ने मोहा मन

लखनऊ, नौ अक्टूबर – हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुलाबखेड़ा गांव में कार्तिक मास के पहले बृहस्पतिवार को श्री ढूंढेवीर बाबा के वार्षिक मेले का भव्य आयोजन किया गया। यह परंपरा पिछले 46 वर्षों से अनवरत चली आ रही है, और इस बार भी मेले में दूर-दराज से श्रद्धालुओं और ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी।

आयोजक समिति के प्रमुख सदस्यों गोविंद प्रसाद यादव, मोहन सिंह, रमेश यादव, दिलीप चौरसिया, विवेक यादव, रंजीत यादव आदि ने बताया कि ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और क्षेत्रीय परंपराओं के संरक्षण का भी माध्यम बनते हैं। इन आयोजनों से नई पीढ़ी को समाज, संस्कृति और सामाजिकता का सीधा अनुभव मिलता है।

मेले की खास बात रही लोकगीतों और आल्हा गायन की शानदार प्रस्तुतियाँ, जिन्हें सुनने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। दोपहर बाद आयोजित दंगल प्रतियोगिता ने भी दर्शकों को खूब रोमांचित किया। नामी पहलवानों की कुश्ती ने माहौल को जीवंत बना दिया।
मेले में शामिल हुए मशहूर लोक कलाकारों ने भी रंग जमाया, जिससे कार्यक्रम और भी यादगार बन गया।

मेला समिति में मोहन सिंह यादव (अध्यक्ष), रामू सिंह यादव (उपाध्यक्ष), दिलीप चौरसिया (प्रबंधक), जयपाल मौर्य (उप प्रबंधक), गंगाराम गौतम (कोषाध्यक्ष), श्रीपाल मौर्य (मंत्री) सहित कई अन्य सदस्य सक्रिय रूप से शामिल रहे। ग्रामवासियों का सहयोग और सहभागिता मेले की सफलता की बड़ी वजह रही।

गुलाबखेड़ा का यह मेला आस्था, मनोरंजन और संस्कृति का संगम बनकर हर वर्ष की तरह इस बार भी सबके दिलों में खास जगह बना गया।

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