छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मुठभेड़ में छह और नक्सली ढेर, कुल संख्या हुई 18

बीजापुर (छत्तीसगढ़), 4 दिसंबर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में बृहस्पतिवार सुबह तक छह और नक्सलियों के शव बरामद किए गए। इससे इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या 18 हो गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इसमें नौ महिलाएं भी शामिल हैं।

मुठभेड़ में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के तीन जवान शहीद हुए हैं। शहीद जवानों में हेड कांस्टेबल मोनू वडाड़ी, कांस्टेबल दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी शामिल हैं। इसके अलावा दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उन्हें रायपुर में बेहतर इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर, सुंदरराज पी., ने बताया कि मुठभेड़ लगभग 12 घंटे तक चली। सुरक्षाबलों ने माओवादियों की गोलीबारी का बहादुरी से जवाब दिया। अभियान में डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन की टीमें शामिल थीं।

मुठभेड़ का मुख्य उद्देश्य इलाके में सक्रिय पीएलजीए कंपनी नंबर दो और माओवादियों के ठिकानों को समाप्त करना था। इस मुठभेड़ में मारे गए वेल्ला माओवादियों के प्रमुख कमांडर थे, जिनके सिर पर आठ लाख रुपये का इनाम था और वे सुरक्षाबलों पर कई हमलों में शामिल रहे थे।

पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में लाइट मशीन गन, एके-47, इंसास, सिंगल शॉट राइफल, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, रेडियो, हैंड ग्रेनेड, माओवादी साहित्य और अन्य सामग्रियां जब्त की हैं।

सुंदरराज ने बताया कि जनवरी 2024 से बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 469 माओवादियों को ढेर किया जा चुका है। इस वर्ष अब तक राज्य में माओवादी हिंसा में 23 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं।

स्थानीय पुलिस लाइन में शहीद जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर पैतृक स्थानों पर भेजे गए।

केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए 31 मार्च 2026 तक की समयसीमा तय की है। अधिकारियों का कहना है कि इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य माओवादी प्रभाव से मुक्त बस्तर बनाना, शांति और स्थायी विकास को बढ़ावा देना है।

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