लखनऊ। छठ महापर्व की आस्था और श्रद्धा ने राजधानी लखनऊ को भक्ति की रंगीन छटा में रंग दिया है। रविवार शाम गोमती तट पर बने लक्ष्मण मेला घाट, कुड़ियाघाट, झूलेलाल घाट और संझियाघाट रोशनी से जगमगा उठे। घाटों पर अल्पना और मधुबनी चित्रकला से सजी वेदियों का दृश्य देखने लायक था। गेरू और रंगों से सजी सुशोभिताओं पर लोगों ने अपने नाम और मन्नतें लिखीं।

रविवार को व्रतियों ने रसियाव-रोटी के साथ खरना संपन्न किया और छठ मैया को गुड़ की खीर का भोग लगाया। इसके बाद महिलाओं ने 36 घंटे निर्जला व्रत का संकल्प लिया। सोमवार को शाम चार बजे से शहरभर के घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का पारण किया जाएगा। अनुमान है कि इस बार राजधानी में सात लाख से अधिक श्रद्धालु छठ घाटों पर पूजा-अर्चना करेंगे।

लक्ष्मण मेला घाट पर सबसे बड़ा आयोजन हो रहा है, जहां सोमवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का शुभारंभ करेंगे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केश व प्रसाद मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, ऊर्जा मंत्री एस.के. शर्मा, राज्यसभा सांसद अमर पाल मौर्य, महापौर सुषमा खर्कवाल सहित कई मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज की ओर से आयोजित इस महोत्सव में समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को ‘भोजपुरी गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा। रविवार देर शाम तक मंच, सजावट और सुरक्षा व्यवस्थाओं की तैयारियां जारी रहीं। दोपहर तीन बजे से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम लगातार 18 घंटे तक चलेंगे, जिनमें भोजपुरी कलाकार पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति देंगे।

लखनऊ के लगभग 200 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा का आयोजन होगा। इनमें प्रमुख हैं — लक्ष्मण मेला मैदान घाट, झूलेलाल घाट, संझिया घाट, कुड़ियाघाट, कुकरैल पिकनिक स्पॉट, मनकामेश्वर वाटिका, खाटू श्याम मंदिर, कृष्णानगर, सरोजनी नगर, दुर्गापुरी कॉलोनी और चिनहट स्थित छोहरिया माता मंदिर।

पूरे शहर में छठ मैया की भक्ति और लोक संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है — जहां दीपों की रोशनी, मधुबनी की कला और आस्था की लहरों ने लखनऊ को एक अद्भुत आध्यात्मिक रंग में रंग दिया है।
