चुनावी लाभ के लिए ममता बनर्जी घुसपैठ को बढ़ावा दे रहीं, बंगाल की जनसांख्यिकी बदली: अमित शाह

चुनावी लाभ के लिए ममता बनर्जी घुसपैठ को बढ़ावा दे रहीं, बंगाल की जनसांख्यिकी बदली: अमित शाह

कोलकाता, 30 दिसंबर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनावी लाभ के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही हैं, जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों में राज्य की जनसांख्यिकी “खतरनाक रूप से बदल गई” है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के लोग इस समस्या को लेकर चिंतित हैं और 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे पूरी तरह समाप्त करेगी।

कोलकाता में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा 2026 में पश्चिम बंगाल में दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी और “देश से घुसपैठियों को बाहर निकालना” उसका मुख्य एजेंडा होगा। उन्होंने कहा, “हम न केवल घुसपैठियों की पहचान करेंगे, बल्कि उन्हें चुन-चुनकर भारत के बाहर भी निकालेंगे। 15 अप्रैल, 2026 के बाद बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी, क्योंकि जनता ने अपना मन बना लिया है।”

शाह ने घोषणा की कि घुसपैठ को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल में एक “मजबूत राष्ट्रीय ग्रिड” स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा, “इंसान तो छोड़िए, परिंदा भी पर न मार पाए, इस तरह की मजबूत व्यवस्था हम बनाएंगे।” उन्होंने दोहराया कि भाजपा सरकार बनने के बाद राज्य में घुसपैठ को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार आवश्यक भूमि उपलब्ध न कराए जाने के कारण भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी घुसपैठ रोकने में विफल रहने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दोष देती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बांग्लादेश से सटे राज्यों में केवल पश्चिम बंगाल ही ऐसा राज्य है, जहां सरकार सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जमीन नहीं देती।”

शाह ने मुख्यमंत्री से यह भी सवाल किया कि भाजपा शासित असम और त्रिपुरा, पश्चिमी राज्यों राजस्थान और गुजरात, तथा पंजाब और कश्मीर की तुलना में पश्चिम बंगाल में घुसपैठ की समस्या अधिक गंभीर क्यों है। उन्होंने आरोप लगाया, “ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां आपकी सीधी निगरानी में घुसपैठ होती है, जिससे धीरे-धीरे राज्य की जनसांख्यिकी बदल रही है और आपका वोट बैंक मजबूत हो रहा है।”

मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों पर शाह ने कहा कि मतुआ समुदाय को डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प है कि धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए सभी शरणार्थियों को देश में शरण दी जाएगी। ममता बनर्जी मतुआ समुदाय को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं।”

शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर भय, हिंसा और भ्रष्टाचार की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बंगाल महिलाओं के लिए असुरक्षित होता जा रहा है और आरजी कर मेडिकल कॉलेज, संदेशखालि तथा दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की घटनाएं इसकी मिसाल हैं। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल के शीर्ष नेता सार्वजनिक धन की हेराफेरी के आरोप में जेल जा चुके हैं और उनके घरों से बरामद नकदी गिनने वाली मशीनें तक खराब हो गई थीं।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल के शासन में पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई है और 7,000 से अधिक उद्योग राज्य छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बदतर हो चुकी है और अब तक 300 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है, जबकि 3,000 से अधिक कार्यकर्ता अपने घरों को नहीं लौट पाए हैं।

अपने संबोधन के अंत में शाह ने कहा कि बंगाल की जनता ने कांग्रेस, वामपंथियों और तृणमूल कांग्रेस को मौका दिया है और अब वह भाजपा को अवसर देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “भय, भ्रष्टाचार, कुशासन और घुसपैठ के माहौल को विकास, सुशासन और गरीबों के उत्थान से बदलने का संकल्प केवल एक मजबूत और केंद्रित भाजपा सरकार ही पूरा कर सकती है।”

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