केरल में अत्यधिक गरीबी उन्मूलन की घोषणा पर विवाद

तिरुवनंतपुरम, 1 नवंबर : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में अत्यधिक गरीबी उन्मूलन का दावा करते हुए विधानसभा में घोषणा की कि केरल अब अत्यधिक गरीबी से मुक्त हो गया है। यह घोषणा उन्होंने पिरवी (स्थापना दिवस) के अवसर पर विशेष सत्र और सेंट्रल स्टेडियम में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में की।

विजयन ने कहा कि यह उपलब्धि “वास्तविकता है, कोई धोखा नहीं” और राज्य की कल्याणकारी पहलों की सफलता का परिणाम है। उन्होंने बताया कि लगभग 62 लाख परिवारों को कल्याणकारी पेंशन और लगभग 4.70 लाख बेघर परिवारों को घर दिए गए हैं, जिससे राज्य में अत्यधिक गरीबी की सीमा और तीव्रता में काफी कमी आई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत करता है और इसके लिए जनभागीदारी, सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों का समन्वित प्रयास शामिल रहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अत्यधिक गरीबी उन्मूलन का प्रयास 2021 में दूसरी एलडीएफ सरकार द्वारा शुरू किया गया और पहले वडक्कनचेरी नगर पालिका, अंचुथेंगु और थिरुनेल्ली ग्राम पंचायत में परीक्षण के बाद पूरे राज्य में लागू किया गया।

विपक्ष ने जताई नाराजगी:
वहीं, कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने इस घोषणा को “धोखा” बताया। विपक्षी नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि यह घोषणा न केवल अवास्तविक है बल्कि सदन के नियमों की अवमानना भी है, और इसलिए विपक्ष ने विशेष सत्र का बहिष्कार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की यह घोषणा आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए जनसंपर्क का माध्यम है।

विपक्ष ने यह भी उदाहरण दिया कि तिरुवनंतपुरम जिले में एक महिला की कथित भूख से मौत हुई, जो बताती है कि सभी अत्यंत गरीब लोग लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं हुए।

मुख्यमंत्री का जवाब:
विजयन ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने जो कहा, वह वास्तव में लागू किया गया और यह परियोजना सतत विकास और सार्वभौमिक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सफल हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल शुरुआत है और भविष्य में अत्यधिक गरीबी की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निरंतर निरीक्षण और कदम उठाए जाएंगे।

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