केंद्र सरकार संगठित अपराध पर चौतरफा हमला करने की तैयारी में, अमित शाह ने दो नए डेटाबेस का किया शुभारंभ

नई दिल्ली, 26 दिसंबर  – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा आयोजित ‘आतंक रोधी सम्मेलन-2025’ में दो महत्वपूर्ण डेटाबेस का शुभारंभ किया। इन डेटाबेस में ‘संगठित अपराध गिरोह डेटाबेस’ और लूटे गए एवं बरामद हथियारों से संबंधित ‘हथियार डेटाबेस’ शामिल हैं। शाह ने कहा कि इन डेटाबेस का उपयोग देशभर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किया जाएगा और ये ‘शून्य आतंक नीति’ के प्रमुख संसाधनों में से एक बनेंगे।

इस अवसर पर शाह ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में संगठित अपराध पर 360-डिग्री हमला करने की नई योजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, “360 डिग्री हमले का अर्थ है हर स्तर पर चौतरफा कार्रवाई करना। इस डेटाबेस के माध्यम से राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों को अपराधियों और आतंकवादियों के बीच संबंधों का पता लगाने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।”

शाह ने बताया कि संगठित अपराध गिरोह शुरू में फिरौती और जबरन वसूली के लिए काम करते हैं, लेकिन जब उनके नेता विदेश चले जाते हैं, तो वे आतंकवादी संगठनों से जुड़ जाते हैं और इससे प्राप्त धन का उपयोग देश में आतंकवाद फैलाने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि हर राज्य को एनआईए और सीबीआई के मार्गदर्शन और आईबी के सहयोग से इस डेटाबेस का इस्तेमाल करना चाहिए और अपने अधिकार क्षेत्र में अपराध को समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अलग-अलग एजेंसियों द्वारा बनाई गई प्रौद्योगिकी और डेटा अभी प्रभावी ढंग से एक-दूसरे के साथ साझा नहीं हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक राष्ट्रीय स्तर का सुचारु डेटा और प्रौद्योगिकी ढांचा विकसित करना आवश्यक है, जिसमें राज्यों का सहयोग भी शामिल हो।

अमित शाह ने सम्मेलन में यह भी कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध के डेटाबेस शून्य आतंक नीति का मुख्य हिस्सा होने चाहिए। उन्होंने डीजीपी और अन्य अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे इस डेटाबेस फ्रेमवर्क को पूरी तरह लागू करेंगे।

गृह मंत्री ने यह भी बताया कि डीजीपी सम्मेलन, सुरक्षा रणनीति सम्मेलन, मादक पदार्थ नियंत्रण प्रणाली और आतंकवाद रोधी सम्मेलन अब एक साझा धागे की तरह जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, “इन चार स्तंभों को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता; यह तालमेल, सहयोग और संचार का नया मानक स्थापित करता है।”

इस पहल के माध्यम से सरकार संगठित अपराध और आतंकवाद पर निर्णायक रूप से नियंत्रण पाने का प्रयास कर रही है, और इसे देश की सुरक्षा रणनीति में एक अहम कदम बताया जा रहा है।

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