कुरुक्षेत्र में गुरु तेग बहादुर 350वां शहीदी समागम: आज आएंगे PM मोदी, भव्य तैयारियां पूरी

कुरुक्षेत्र में आज गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी समागम और अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का ऐतिहासिक संगम देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इस विशेष अवसर पर धर्मनगरी पहुंच रहे हैं। उनके स्वागत के लिए प्रशासन और आयोजन समिति ने व्यापक और भव्य तैयारियां की हैं। प्रधानमंत्री दोपहर करीब चार बजे हेलिकॉप्टर के माध्यम से पिहोवा रोड स्थित 170 एकड़ में फैले समागम स्थल पर उतरेंगे। यह उनका कुरुक्षेत्र का छठा दौरा होगा।

समागम स्थल पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से तीर्थ परिसर में स्थित गीता उपदेश स्थली के पास बने महाभारत अनुभव केंद्र पहुंचेंगे। करीब 204 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह केंद्र कुरुक्षेत्र के आध्यात्मिक व सांस्कृतिक महत्व को आधुनिक रूप में प्रस्तुत करने की एक बड़ी पहल है। प्रधानमंत्री यहां केंद्र का अवलोकन करेंगे और इसके साथ ही लगभग दो करोड़ रुपये से निर्मित पंचजन्य स्मारक का भी औपचारिक उद्घाटन करेंगे। यह पूरा कार्यक्रम लगभग 15 से 20 मिनट का होगा।

इसके उपरांत प्रधानमंत्री मोदी दोबारा समागम स्थल लौटेंगे, जहां वह गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष नमन करेंगे और कीर्तन श्रवण करेंगे। इसके बाद वे मौजूद संगत और श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे। संबोधन समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से पवित्र ब्रह्मसरोवर के तट की ओर प्रस्थान करेंगे। यहां वे लगभग 10 मिनट तक उपस्थित रहेंगे और अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत आयोजित सांध्यकालीन महाआरती के दौरान मौजूद रहकर तीर्थ पूजन भी करेंगे। पूजन का नेतृत्व पंडित बलराम गौतम करेंगे। हालांकि तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री स्वयं आरती नहीं करेंगे, लेकिन आरती के दौरान उनकी उपस्थिति विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी का कुरुक्षेत्र से पुराना संबंध रहा है। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले वे पहली बार यहां आए थे। इसके बाद वे कई बार धर्मनगरी पहुंचे—विधानसभा चुनावों, स्वच्छता अभियान कार्यक्रमों और विभिन्न रैलियों के लिए। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने कुरुक्षेत्र को कृष्णा सर्किट में शामिल करवाते हुए यहां के पर्यटन विकास के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत किया था।

आज का कार्यक्रम कुरुक्षेत्र के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को एक नई उड़ान देने वाला साबित होने की उम्मीद है, जहां गुरु तेग बहादुर की शहादत और श्रीकृष्ण की गीता शिक्षा का संदेश एक ही मंच पर उजागर होगा।

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