ओमान के निचले सदन ने भारत के साथ व्यापार समझौते को मंजूरी दी, अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में होगी चर्चा

नई दिल्ली, 11 दिसंबर — भारत और ओमान के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ओमान के निचले सदन ‘शूरा परिषद’ ने इस समझौते को मंजूरी दे दी है। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल शुक्रवार को होने वाली बैठक में इस समझौते पर विचार कर सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।

यह एफटीए आधिकारिक रूप से व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के नाम से जाना जाएगा। दोनों देशों के बीच इस समझौते पर औपचारिक वार्ता नवंबर 2023 में शुरू हुई थी और इस वर्ष इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है। ऐसे समझौतों के तहत सहभागी देश एक-दूसरे के साथ व्यापार की जाने वाली अधिकतर वस्तुओं पर सीमा शुल्क कम या समाप्त करते हैं, साथ ही सेवाओं में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने हेतु नियमों को आसान बनाया जाता है।

जीसीसी देशों में ओमान—भारत का अहम व्यापारिक साझेदार

खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सदस्य देशों में ओमान भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। भारत इससे पहले जीसीसी के ही सदस्य देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ इसी तरह का सीईपीए कर चुका है, जो मई 2022 में लागू हुआ था।

वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि आवश्यक प्राधिकरणों से मंजूरी मिलने के बाद हस्ताक्षर और पुष्टि के लिए तैयार कैबिनेट नोट संबंधित मंत्रालयों को भेज दिया गया है। अब दोनों देश आंतरिक अनुमोदन की अंतिम प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। भारत में किसी भी एफटीए को लागू करने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी होती है।

शूरा परिषद में विस्तृत चर्चा के बाद मिली मंजूरी

ओमान की परामर्श परिषद—जिसे वहां का लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निचला सदन माना जाता है—ने सीईपीए के मसौदे पर बुधवार को विस्तृत चर्चा की और अंततः इसे स्वीकृति दे दी। भारतीय पक्ष इसे व्यापारिक संबंधों को नई मजबूती देने वाला कदम मान रहा है।

भारत–ओमान व्यापार: 10.5 अरब डॉलर का आंकड़ा

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

भारत का निर्यात: 4 अरब डॉलर

भारत का आयात: 6.54 अरब डॉलर

भारत के आयात में पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया का हिस्सा 70 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावा प्रोपलीन तथा एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन, लोहा, इस्पात और अपरिष्कृत एल्यूमीनियम भी प्रमुख आयातित वस्तुएं हैं।

ओमान को भारत से होने वाले निर्यात का 16.5 प्रतिशत हिस्सा ऐसी वस्तुओं का है जिन्हें पहले से ही शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त है। इनमें गेहूं, बासमती चावल, फल, सब्जियां, दवाएं, मछली, चाय और कॉफी प्रमुख हैं। इनका कुल निर्यात मूल्य लगभग 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर है।

प्रधानमंत्री की संभावित यात्रा से बढ़ सकती है गति

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा पर जा सकते हैं। माना जा रहा है कि यदि मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल जाती है, तो यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग को और मजबूत करने का अवसर बनेगी।

भारत–ओमान सीईपीए को द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जो व्यापार, निवेश और रणनीतिक सहयोग को एक नई दिशा दे सकता है।

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